बच्चों को जल्द मिलेगा कोरोना कवच:12 से 14 साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन

बच्चों को जल्द मिलेगा कोरोना कवच:12 से 14 साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन

देश में 15-17 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन की शुरुआत के बाद अब 12-14 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। कोविड-19 पर बने नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) के चीफ डॉ. एन के अरोड़ा के अनुसार मार्च से इन बच्चों को वैक्सीन लगेगी। फिलहाल देश में कोरोना की तीसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते 24 घंटे में 2 लाख 58 हजार 89 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं।द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अरोड़ा ने बताया कि देश में अब तक 15-17 साल के 3.31 करोड़ बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। इसका मतलब, केवल 13 दिन में ही 45% बच्चे पहली डोज के साथ वैक्सीनेटेड हैं। 15-17 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान 3 जनवरी 2022 से शुरू हुआ था। इन्हें कोवैक्सिन लगाई जा रही है।

अरोड़ा का कहना है कि जनवरी के अंत तक 15-17 साल के 7.4 करोड़ बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी। इसके बाद फरवरी की शुरुआत से इन बच्चों को दूसरी डोज देना शुरू कर दिया जाएगा। महीने के अंत तक इन सबको वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाएगी। इसके बाद 12-14 साल के बच्चों को फरवरी के आखिर से या फिर मार्च की शुरुआत से वैक्सीन देना शुरू कर सकते हैं।

अरोड़ा के मुताबिक, 12-17 साल की उम्र के बच्चे काफी हद तक वयस्क की तरह ही होते हैं। इसलिए वैक्सीनेशन की बात की जाए तो ये बच्चे सरकार की प्राथमिकता हैं। उनके अनुसार, टीनएजर्स काफी गतिशील होते हैं। इनका स्कूल और कॉलेजों में एक दूसरे से मिलना-जुलना होता है, जिससे इन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है।

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रमोद जोग का कहना है कि सरकार को गंभीर बीमारी से पीड़ित 5-14 साल के बच्चों को भी वैक्सीन के दायरे में लाना चाहिए।भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सिन को भारत सरकार ने 2 से 17 साल के बच्चों के लिए इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को बच्चों पर किए गए ट्रायल में सुरक्षित पाया गया था।देश में अब तक 157 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। पिछले 24 घंटों में 39 लाख से ज्यादा नए लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वहीं देश के 76% लोग दूसरी खुराक के साथ वैक्सीनेटेड हैं।

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