काबुल में तालिबान का बड़ा हमला

काबुल में तालिबान का बड़ा हमला

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्लाह मोहम्मदी के घर के पास मंगलवार शाम करीब 8 बजे (स्थानीय समय के मुताबिक) कार बम से हमला हुआ। इसके बाद गोलीबारी और ग्रेनेड के धमाके भी सुने गए। यह हमला काबुल के डिस्ट्रिक्ट 10 के शिरपुर इलाके में हुआ है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक रक्षा मंत्री और उनका परिवार सुरक्षित है। उधर अफगानिस्तान के कुछ शहरों में लोग तालिबान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। वहीं अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने तालिबानी हिंसा रोकने के लिए भारत से दखल की गुहार लगाई है।

अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता मीर वाइस स्टेनकजई ने बताया कि यह इलाका हाई सिक्योरिटी वाले ग्रीन जोन में आता है। यहां कुछ सांसदों और हाई रैंक वाले सरकारी अधिकारियों के भी घर हैं। लोकल मीडिया ने बताया कि पहले धमाके बाद एक सायरन सुनाई दिया। फिर दूसरा और तीसरा धमाका हुआ। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे। इसके एक घंटे के अंदर एंबुलेंस को इलाके से निकलते देखा गया।

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्री ठीक हैं। धमाके के वक्त वे अपने घर पर नहीं थे। बताया जा रहा है कि हमला रक्षा मंत्री के एक गेस्टहाउस में हुआ। इसमें उनके परिवार का कोई भी सदस्य घायल नहीं हुआ है। हालांकि 10 दूसरे लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। लेकिन ये साफ नहीं हो सका है कि ये ब्लास्ट में घायल हुए हैं या इन्हें गोलियां लगी हैं।

धमाकों के फौरन बाद जलालाबाद में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर गए और अफगान सुरक्षाबलों के समर्थन में नारे लगाए। दावा किया जा रहा है कि रक्षा मंत्री को निशाना बनाने के लिए यह हमला किया गया। उधर काबुल के लोग भी तालिबान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और अल्लाह-ओ-अकबर कहते हुए मार्च करते नजर आए।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात कर दखल की अपील की है। अतमार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष भारत से कहा है कि अफगानिस्तान पर एक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि तालिबान की हिंसा और अत्याचारों के कारण होने वाली त्रासदी को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 30 जुलाई को हेरात में संयुक्त राष्ट्र के कपाउंड में हुए हमले की निंदा की है। इस हमले में अफगानी सुरक्षाबलों के एक जवान की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में तालिबानी हिंसा और आम लोगों पर आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए अफगानिस्तान को मदद जारी रखने पर जोर दिया है।

अफगानिस्तान के कई शहरों में सेना और तालिबान के बीच लड़ाई चल रही है। अघान फोर्सेस ​​​लश्करगाह में तालिबान से जंग कर रही है। दक्षिणी हेलमंद प्रांत और फ्रंटलाइन डिस्ट्रिक्ट में भी लड़ाई तेज हो गई है। बीते 24 घंटे में कई शहरों में सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच जंग की 28 घटनाएं हुई हैं। लश्करगाह में हुई जंग में 24 घंटे में 40 आम लोगों को जान गंवानी पड़ी है, वहीं 100 से ज्यादा जख्मी हुए हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में, तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर लिया है। अब तालिबान का देश के 223 जिलों पर नियंत्रण है। 116 में कब्जे के लिए लड़ाई चल रही है और 68 सरकार के पास हैं। लॉन्ग वॉर जर्नल के अनुसार, 34 प्रांतीय राजधानियों में से 17 को तालिबान से सीधे तौर पर खतरा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *