मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को भगवान महाकाल की श्रावण माह की दूसरी सवारी में शामिल हुए। भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर के रूप में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होकर अपने भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सवारी निकलने के पूर्व सभा मंडप में पालकी का पूजन-अर्चन किया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर आरती की गई।
भगवान श्रीमहाकाल की सवारी धूमधाम से निकाली गई जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर 08 जनजातीय दलों के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव संपूर्ण सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल की आराधना और भजन-कीर्तन करते हुए नंगे पांव चले। इस दौरान उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालुहेडा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, श्री संजय अग्रवाल आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए।
भगवान श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरे सवारी मार्ग पर डमरु और झांझ मंजीरे बजाते हुए पैदल चले। स्कूली विदयार्थियों द्वारा घोष वादन किया गया और श्रध्दालुओं के भोले शंभु भोलेनाथ के जयकारों से संपूर्ण उज्जैन नगरी गुंजायमान हुई।
महाकाल के चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप को गार्ड ऑफ ऑनर
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया। सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ अवन्तिका नगरी के राजाधिराज पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर व हाथी पर आरूढ़ भगवान श्री मनमहेश पर पुष्पवर्षा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर सवारी में पुलिस बैंड की प्रस्तुति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरुप 350 पुलिस के जवानों द्वारा पुलिस बैंड के माध्यम से नम: शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर शंभू देवा महादेवा, मेरे घर राम आए है, देवा हो देवा गणपति देवा, ॐ जय शिव ओमकारा ,सत्यम शिवम सुन्दरम आदि शिवभजनों की सु-मधुर धुनों की प्रस्तुतियां दी गई जिस पर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर झूमे।