दीपिका पादुकोण का ड्रग्स कनेक्शन

दीपिका पादुकोण का ड्रग्स कनेक्शन

ड्रग्स मामले में दीपिका पादुकोण को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। 2017 के जिस वॉट्सऐप ग्रुप में दीपिका ने ‘हैश’ (हशीश) और ‘माल है क्या?’ जैसी लाइन लिखी थी, उस ग्रुप की वह खुद एडमिन थीं। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि दीपिका के अलावा उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश और रिया चक्रवर्ती की मैनेजर रहीं जया साहा भी इसकी एडमिन थीं। कुछ महीने पहले ही यह ग्रुप डिलीट किया गया। इस ग्रुप में कई नामचीन सितारे और उनके मैनेजर जुड़े थे।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को ग्रुप की कई ड्रग चैट मिली हैं, जिसके आधार पर एनसीबी ड्रग सिंडिकेट ऑपरेट करने का केस दर्ज कर सकती है।

ग्रुप में 12 मेंबर्स थे
सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप में 12 मेंबर थे। करिश्मा ने पूछताछ में बताया कि वह जाया साहा के अंडर में काम करती थी। दीपिका को लेकर उनसे कई बार बातचीत हुई। जया और दीपिका की मुलाकात भी करिश्मा ने ही करवाई थी। सूत्रों के अनुसार, करिश्मा ने दीपिका के लिए ड्रग्स खरीदने की बात कबूल कर ली है। ग्रुप की चैट से पता चला है कि सेलेब्रिटीज ड्रग्स की खरीदारी अपने स्टाफ या मैनेजर के जरिए करते थे।

करिश्मा ने माना- दीपिका ने ग्रुप में शामिल किया था
करिश्मा प्रकाश से एनसीबी से पूछताछ की। उसने ड्रग्स से जुड़े किसी भी मामले में शामिल होने से साफ मना किया है। सूत्रों के मुताबिक, करिश्मा से जैसे ही पूछताछ शुरू हुई, वह रोने लगी। एनसीबी ने उसके इस ग्रुप में शामिल होने के सबूत रखे तो उसने दीपिका को लेकर कई बड़े खुलासे किए।

करिश्मा ने बताया कि इस ग्रुप में दीपिका ने ही उसे जबरन जोड़ा था। ग्रुप में दीपिका और करिश्मा प्रकाश के बीच हुई बातचीत सार्वजनिक हुई थी। जया को करिश्मा का सीनियर बताया जाता है।

इन गंभीर धाराओं में केस दर्ज हो सकता है

  • सेक्शन 8(c): जानबूझकर कोई ऐसी संपत्ति खरीदना या उसका इस्तेमाल करना, जो इस कानून का उल्लंघन हो।
  • सेक्शन 20(b)(ii): अगर कोई कम मात्रा में प्रतिबंधित ड्रग्स बनाता, अपने पास रखता, बेचता, खरीदता या इस्तेमाल करता पाया जाता है।
  • सेक्शन 29: साजिश रचने और किसी को ड्रग्स लेने के लिए उकसाने के दोषी पाए जाने पर भी सजा का प्रावधान है।
  • सेक्शन 22: ड्रग्स की कम क्वांटिटी के लिए एक साल, ज्यादा क्वांटिटी के केस में 10 साल और कमर्शियल क्वांटिटी के लिए 20 साल तक की सजा दी जा सकती है।
  • सेक्शन 27A: प्रतिबंधित ड्रग्स से जुड़ी एक्टिविटी को बढ़ावा देने या इसमें मदद करने के लिए कम से कम 10 साल की और अधिकतम 20 साल की सजा का प्रावधान। कोर्ट चाहे तो दो लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी वसूल सकती है।

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