-श्री उवसग्गहरं पाश्र्व तीर्थ नगपुरा मे आज पूज्यपाद आचार्य. श्री
Category: धर्म व आस्था
हम आज जिंदा हैं यही सबसे बड़ा चमत्कार है: समस्या हमें मजबूत बनाने के लिए आती हैं – देवर्धि साहेब
दक्षिणापथ, नगपुरा / दुर्ग । श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा
श्री उवसग्गहरं पाश्र्व तीर्थ नगपुरा चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला: खुद को सूचना देने की काबिलियत पैदा करो- मुनि श्री प्रशमरति विजय जी
दक्षिणापथ, नगपुरा/दुर्ग। ” क्रोध आता नहीं है। क्रोध किया जाता
श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला: मनुष्य पूर्व जन्म का संस्कार लेकर पैदा होता है- मुनि प्रशमरति विजय जी
दक्षिणापथ, नगपुरा/दुर्ग। ” मनुष्य में निहित आदतें पूर्व जन्म से
श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला: जो मिला है, उसका कद्र करो- मुनि प्रशमरति विजय
दक्षिणापथ, दुर्ग । “दुःख के तीन नियम हैं। पहला नियम
श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा चातुर्मास प्रवचन: सबसे बड़ा चमत्कार मनुष्य के अंदर बैठा है- मुनिप्रवर श्री प्रशमरति विजय जी म सा
दक्षिणापथ, नगपुरा /दुर्ग । “श्री आचारांग सूत्र हमें स्पष्ट संदेश