देश भर के ज्वैलर्स सोने के गहनों की अनिवार्य हॉलमार्किंग ‘मनमाने ढंग से लागू’ के खिलाफ आज यानी 23 अगस्त को एक दिन की ‘सांकेतिक हड़ताल’ पर रहेंगे। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के मुताबिक इस हड़ताल को जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री से जुड़े सभी चार जोन के 350 एसोसिएशन और फेडरेशन का सपोर्ट है। हालांकि, ज्वैलरी संगठन इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन (IBJA) हड़ताल में शामिल नहीं होने की बात कही है।
सरकार ने इसे पहले फेज में 16 जून 2021 से देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों में लागू किया है। सोने की हॉलमार्किंग से उसकी शुद्धता का पता चलता है।
सर्राफा कारोबारियों की सरकार से मांग है कि हॉलमार्क को लागू रखा जाए, लेकिन HUID के नियम को वापस लिया जाए। स्टॉक क्लीयरेंस न होने पर सर्राफा कारोबारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसलिए इस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
GJC के पूर्व चेयरमैन अशोक मीनावाला ने कहा कि एक दिन की सांकेतिक हड़ताल HUID (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या) के मनमाने ढंग से लागू करने के खिलाफ हमारा शांतिपूर्ण विरोध है। यह कानून अव्यावहारिक और असंभव है। मीनावाला, सरकार द्वारा नियुक्त समितियों में ज्वैलर्स के प्रतिनिधि और दानाभाई ज्वैलर्स ग्रुप की डायरेक्टर है।
GJC की मुख्य बातें…
- ज्वैलर्स नए HUID को स्वीकार नहीं कर सकते, क्योंकि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नही
- मौजूदा समय में नए HUID प्रणाली उत्पादों की हॉलमार्किंग में लगभग 5 से 10 दिन का समय ले रहे
- ज्वैलरी का निर्माण/हॉलमार्किंग नहीं करने वाले/ व्यापारी की तरह बेचने वाले ज्वैलर्स पर दंड के डर से कारोबार बंद होने की आशंका
- इंडस्ट्री द्वारा लगातार डिमांड करने के बावजूद BIS एक्ट तैयार करते समय नीति आयोग की रिपोर्ट में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया
हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है। हॉलमार्क भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) देती है। हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। बीआईएस वह संस्था है, जो ग्राहकों को उपलब्ध कराए जा रहे सोने की जांच करती है। सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ BIS का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि BIS की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है।