वेतन की गड़बड़ी पर फूटा गुस्सा:हजारों सहायक शिक्षक विधानसभा घेरने निकले

वेतन की गड़बड़ी पर फूटा गुस्सा:हजारों सहायक शिक्षक विधानसभा घेरने निकले

सहायक शिक्षकों ने सोमवार की दोपहर राजधानी की सड़कों पर हंगामा कर दिया। हम हमारा हक लेकर रहेंगे…लेकर रहेंगे जैसे नारों के शोर के बीच बूढ़ातालाब के धरना स्थल से एक विशाल रैली की शक्ल में हजारों शिक्षकों के कदम आगे बढ़े। सहायक शिक्षकों के संगठन ने ऐलान कर दिया था कि सरकार लंबे वक्त उनकी बात नहीं सुन रही, इसलिए अब विधानसभा का घेराव करने अपनी बात रखेंगे।

पूरे जोश में एक तरफ शिक्षक आगे बढ़ रहे थे। दूसरी तरफ सप्रे स्कूल के पास पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी। जिला प्रशासन के अफसर और पुलिस के DSP रैंक के अफसर भी मोर्चा संभाले हुए थे। शिक्षकों को यहां से आगे न जाने देने की तैयारी थी। बैरीकेडिंग देखकर शिक्षकों का गुस्सा फूटा, नारे बाजी करते हुए सभी प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

इस बीच एक महिला शिक्षक भीड़ में बेहोश हो गई। महिला पुलिसकर्मियों की मदद से इसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। काफी देर तक सड़क पर ही धरना देने के बाद अफसरों को अपना ज्ञापन सौंपकर शिक्षक लौटे, सभी ने धरना देने और अब आगे हड़ताल करने की चेतावनी दी है।

शिक्षकों ने बताया कि हर सरकारी कर्मचारी का एक तय समय सीमा में प्रमोशन होता है। शिक्षक वर्ग तीन से वर्ग दो में प्रमोट किए जाते हैं। यदि प्रमोशन मिलता है तो 10 से 12 हजार रुपए अधिक वेतन में जुड़ते हैं। नियम ये है कि यदि प्रमोशन नहीं होता तो कर्मचारी को सरकार उस प्रमोशन के स्तर का वेतन देती है।

शिक्षकों का दावा है कि बहुत से कर्मचारियों को न प्रमोशन मिला है न प्रमोशन के स्तर का वेतन। सभी चाहते हैं कि इस मांग पर गौर किया जाए। इसके अलावा शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया। साल 2018 के संविलियन के बाद से पुराने कर्मचारियों को भी साल 2018 से ही कर्मचारी माना जा रहा है। इससे पेंशन और सीनियारिटी का फायदा शिक्षकों को नहीं मिल रहा।

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