छत्तीसगढ़ के जांजगीर में सरपंच द्वारिका प्रसाद चंद्रा (50) की हत्या को लेकर 26 घंटे से चल रहा जाम सोमवार शाम को खत्म हो गया। मौके पर पहुंची ADM लीना कोसम ने ग्रामीणों का समझाया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके साथ ही दो लाख रुपए की तात्कालिक सहायता देने की भी बात कही। इसके बाद ग्रामीणों ने सरपंच का शव ले जाने दिया। सरपंच की रविवार को दबंगों ने लाठी-डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही ग्रामीणों ने सड़क पर शव रख सक्ती-छपोरा मार्ग जाम कर दिया था।
सरपंच संघ के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मालखरौदा क्षेत्र के वीर भाठा चौक पर ट्रैक्टर खड़ा कर रास्ता बंद कर दिया था। इसके साथ ही बीच चौक पर त्रिपाल लगाकर सड़क पर शव रखकर बैठ गए। रविवार दोपहर करीब 2 बजे से ग्रामीण वहीं प्रदर्शन कर रहे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के चलते सरपंच की जान गई है। घटना के दौरान पुलिस आई थी, लेकिन कार्रवाई किए बिना लौट गई। ग्रामीणों के आक्रोश को देख पुलिस मौजूद तो थी, लेकिन उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी।इसके बाद शाम करीब 5.30 बजे ADM लीना कोसम मौके पर पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया, जिसके बाद वे हटने को तैयार हुए। सरपंच के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं दूसरी ओर सरपंच संघ और ग्रामीणों ने अपनी मांग भी रखी हैं। जिस पर SDM ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इस बीच बताया जा रहा है कि सरपंच की हत्या में शामिल 3 आरोपियों ने देर रात पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग बाते करते हुए सरेंडर करने की बात कह रहे हैं। इस वीडियो में दिख रहे लोगों को ही हत्यारोपी बताया जा रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं है। पुलिस अफसर भी इस संबंध में फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
गांव की सरकारी जमीन पर कब्जा करने का विरोध करने पर चार अतिक्रमणकारियों ने पिछले साल सरपंच द्वारिका चंद्रा पर जानलेवा हमला किया था। पिछली बार तो उसकी जान बच गई। तब आरोपियों के खिलाफ सरपंच की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। अभी आरोपी जमानत पर हैं। उन्हीं आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दूसरी बार सरपंच पर हमला किया। इस बार सरपंच बच नहीं सका और उसकी हत्या हो गई।मालखरौदा क्षेत्र के भुतहा गांव में कुछ दबंगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है। उस पर फसल भी लगा दी है। इसकी शिकायत मिलने पर राजस्व विभाग ने नोटिस जारी किया था। साथ ही फसल कटवा कर शासन के सुपुर्द करने की जिम्मेदारी सरपंच द्वारिका प्रसाद चंद्रा को सौंपी थी। यह कार्रवाई सोमवार को की जानी थी। इससे एक दिन पहले ही दबंग फसल कटवाने पहुंच गए। सरपंच ने आपत्ति जताई तो उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।