अमेरिका के Black Hawk Helicopter ने ऑटोमेशन और वार फेयर की दुनिया में इतिहास रच दिया है। ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ने 5 फरवरी को पहली बार बिना पायलट के उड़ान भरी। हेलीकॉप्टर करीब 4000 फीट की ऊंचाई पर 115 से 125 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ा। सभी मानकों को पूरा करते हुए करीब 30 मिनट की उड़ाने के बाद Black Hawk की सफल लैंडिंग भी हुई। रक्षा क्षेत्र में अमेरिका की इस कामयाबी से चीन और रूस की चिंता बढ़ना तय है।
ब्लैक हॉक की इस टेस्ट उड़ान के लिए अमेरिका के केंटुकी शहर में तैयारी की गई थी। यहां कम्प्यूटर की मदद से एक आभासी शहर बनाया गया था, इसमें टेक्नोलॉजी की मदद से ऊंची इमारतें बनाई गई थीं। वहीं ब्लैक हॉक इन रुकावटों से बचते हुए उड़ान पूरी की।
इस कामयाबी के 2 दिन बाद अमेरिका ने बिना पायलट के एक और ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को उड़ाया है। हालांकि अभी इस उड़ान के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। Black Hawk Helicopter की टेस्ट उड़ान के लिए एक अत्याधुनिक सिस्टम सूट का इस्तेमाल किया गया। इसका मकसद पायलटों की सुरक्षा तय करना था।
अगर इसकी खासियत की बात करें तो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर 357 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है। ऑपरेशनल रेंज 583 किलोमीटर है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक का टी-700-जीई-701सी/डी टर्बोशॉफ्ट इंजन है। 9979 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है। आमतौर पर इस हेलीकॉप्टर को दो पायलट उड़ाते हैं। कीमत की बात करें तो एक यूनिट की कीमत 21300000 डॉलर है।अमेरिका के आलावा जापान, कोलंबिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल, ब्राजील, चीन, मेक्सिको, फिलीपींस, स्लोवाकिया, स्वीडन, ताइवान और तुर्की की सेना और वायु सेना इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती है। कुछ ही दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया ने भी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया है। वहीं तालिबान के पास भी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हैं, हालांकि उनकी संख्या काफी कम है।