भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन ने लिखित समझौतों की अवहेलना की है जिसके कारण लद्दाख में विवाद की स्थिति बनी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया (India-Australia) के विदेश मंत्रियों के 12वें फ्रेमवर्क डॉयलॉग के दौरान कहा, “2020 में हुए भारत-चीन के बीच सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण लद्दाख में एलएसी पर ऐसी स्थिति बनी है। इसलिए, जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं को नहीं मानता है, तो मुझे लगता है कि यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।”
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा, “क्वाड देशों के चार विदेश मंत्री एक मत हुए हैं। हम यहां क्षेत्र की स्थिरता में योगदान करने, शांति और समृद्धि के लिए सकारात्मक चीजें करने के लिए हैं।”
चीन के विदेश मंत्री क्वाड की आलोचना कर रहे हैं। इस पर जयशंकर ने कहा, हमारे कार्य और रुख बहुत स्पष्ट हैं। बार-बार इसकी आलोचना करना हमें कम विश्वसनीय नहीं बना देगा।
मेलबर्न में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हमने टीकों को लेकर, कोविड चुनौती का जवाब देने और अन्य देशों की सहायता करने के अपने अनुभव साझा किए, हमने इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और सप्लाई चेन बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
उन्होंने कहा, हमारी बहुत सी चर्चाएं कोरोना काल में दोनों देशों के संबंधों में आए वास्तविक परिवर्तन को दिखाती हैं। हमने अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग में हुई प्रगति पर संक्षेप में चर्चा की, जो हमारे बढ़ते स्ट्रेटेजिक कन्वर्जेंस को दिखाती है। साइबर फ्रेमवर्क संवाद, फ्रेमवर्क समझौते के तहत हमारी संयुक्त गतिविधियों की समीक्षा करने में उपयोगी रहा है।एस जयशंकर ने कहा कि हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया। सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं। बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है।ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच व्यापार और निवेश में गहरे संबंध हैं। मंत्री डेन तेहान व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के लिए एक दौर की बातचीत के बाद भारत से लौट रहे हैं।
क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड चार देशों का संगठन है, जो जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है। यह व्यापार आसान करने और इन देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।