समाचार एजेंसी AFP की खबर के अनुसार, यूक्रेन के पास तैनात रूसी सैनिक अपने ठिकानों पर वापस लौट रहे हैं। इसको लेकर मॉस्को ने कहा है कि यूक्रेन के पास तैनात कुछ सेनाएं अपने ठिकानों पर लौट रही हैं, क्योंकि सीमाओं पर रूसी सेना की तैनाती से यूक्रेन को इस बात का डर सता रहा था कि रूस उस पर कभी भी हमला कर सकता है। रूस ने कहा है कि इस कदम से यूक्रेन का डर खत्म करने में मदद मिलेगी। हालांकि रूस ने यह भी कहा कि यूक्रेन सीमा से कुछ ही सैनिकों की वापसी हो रही है और बड़े पैमाने पर अभ्यास अभी भी जारी है।CNN कि एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रूस की सैनिकों की वापसी वाली घोषणा पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा, रूस की ओर से लगातार विभिन्न बयान दिए जा रहे हैं, इसलिए हमारा नियम है: देखें और फिर विश्वास करें। जब हम सैनिकों को वापस जाते देख नहीं लेते, तब हम डी-एस्केलेशन में विश्वास नहीं करेंगे।
नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने रूस के इस कदम का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि डी-एस्केलेशन का कोई संकेत नहीं मिला है। नाटो प्रमुख ने कहा कि रूस, यूक्रेन की सीमा पर सैन्य निर्माण के बीच एक राजनयिक समाधान की तलाश में हो सकता है, लेकिन अगर रूस सच में समाधान चाहता है तो उसे डी-एस्केलेशन दिखाना होगा। मास्को ने कूटनीति जारी रखने के संकेत दिए हैं। यह सतर्क आशावाद के लिए आधार हो सकता है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, रूस के पास अभी भी पीछे हटने, युद्ध को टालने और शांतिपूर्ण समाधान निकालने का समय है।
रूस के शीर्ष राजनयिक ने सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सुरक्षा मांगों के मसले पर पश्चिमी मुल्कों के साथ बातचीत जारी रखने की सलाह दी थी। इसके बाद जर्मन चांसलर ओलाफ स्काल्ज युद्ध को टालने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मास्को पहुंचे, जहां दोनों के बीच यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर बातचीत जारी है।रूस के ऐलान से कुछ देर पहले ही यूक्रेन के पास कई स्थानों पर रूसी सैन्य गतिविधियों को दिखाती हुई नई सैटेलाइट इमेज सामने आई थी। इन तस्वीरों में बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस में भारी संख्या में तैनात बलों की गतिविधियां दिखाई दे रही हैं। पिछले कई हफ्ते से रूसी सेना के निर्माण पर नजर रख रही अमेरिका की मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने ये तस्वीरें जारी की है।
विवाद शांत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी, जो बेनतीजा रही। बातचीत के दौरान बाइडेन ने पुतिन से युद्ध टालने की अपील की और चेतावनी भी दी कि अगर युद्ध हुआ तो रूस को करारा जवाब मिलेगा।
अमेरिकी रुख को देखते हुए रूस ने अमेरिका को सनकी तक कह डाला। बातचीत के कुछ देर बाद ही अमेरिका ने यूक्रेन स्थित अपने दूतावास को खाली करने का निर्देश भेज दिया। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि दोनों शीर्ष नेताओं के बीच हालात स्थिरता को लेकर बात नहीं बन पाई है।
वहीं, समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का भी कहना है कि अभी भी दोनों मुल्कों के बीच बातचीत के रास्ते बंद नहीं हुए हैं। तनाव को खत्म कराने की कोशिशें जारी हैं। दरअसल रूस ने यूक्रेन की सीमाओं पर एक लाख 30 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं। इसको लेकर पश्चिमी मुल्क सतर्क हो गए हैं।