कनाडा की सरकार ने वैक्सीनेशन को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ ट्रक ड्राइवर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे मजबूर होकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए पहले ही इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के बैंक खातों को भी फ्रीज किया जाएगा। कनाडा में 50 वर्षों में पहली बार इमरजेंसी एक्ट लागू हुआ है।ट्रूडो ने कहा कि सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसका दायरा समय-सीमित, उचित और आनुपातिक होगा। इमरजेंसी के दौरान सेना को तैनात नहीं किया जाएगा, लेकिन अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और उनके ट्रकों को जब्त करने के लिए ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे, इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन की फंडिंग को बैन किया जाएगा। बैंक बिना अदालत के आदेश के ही प्रदर्शनकारियों के पर्सनल एकाउंट फ्रीज कर सकेंगे।
पीएम ट्रूडो ने कहा यह कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने, लोगों की नौकरियों की रक्षा करने के लिए है। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को कैद करने या उन पर जुर्माना लगाने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करने के लिए अधिक उपकरण दिए जाएंगे। ट्रूडो ने कहा कि कानून अस्थायी रूप से और अत्यधिक विशिष्ट तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आपातकाल संघीय सरकार को अगले 30 दिनों तक ‘विशेष अस्थायी उपाय’ करने का अधिकार देगा।उप-प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कहा कि बैंक, अदालत के आदेश की आवश्यकता के बिना विरोध से जुड़े किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत खातों को फ्रीज कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल किसी व्यक्ति का वाहन बीमा भी निलंबित किया जा सकता है।
दरअसल कोविड 19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए कनाडा की सरकार ने आदेश दिया है अमेरिका-कनाडा सीमा पर ट्रक ड्राइवरों का कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य रहेगा, तभी वह सीमा पार कर कनाडा में प्रवेश कर सकेंगे। कनाडा के ट्रक ड्राइवर्स इस मैनडेट का विरोध कर रहे हैं, जिसके बाद हजारों ट्रक ड्राइवरों ने ‘फ्रीडम कॉन्वॉय’ नाम का विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।US-कनाडाई सीमा पार करते समय टीके की अनिवार्यता से नाराज ट्रक ड्राइवरों ने विरोध के रूप में प्रदर्शन शुरू किए, जो COVID-19 स्वास्थ्य प्रतिबंधों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शनों में बदल गए। सरकार द्वारा वैक्सीनेशन अनिवार्य करने के विरोध में प्रदर्शनकारी 29 जनवरी को राजधानी पहुंचे थे। उन्होंने शहर की सड़कों के बीच पर अपने ट्रक खड़े कर दिए और टेंट और अस्थायी शेल्टर बना लिए। इसके बाद शहर के अधिकारियों में घबराहट और निवासियों में निराशा उत्पन्न हो गई, जिससे राजधानी में अराजकता की स्थिति बन गई थी।