ओलिंपिक में महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल मुकाबला हार गई। अर्जेंटीना ने भारत को 2-1 से हाराया। भारत की ओर से इकलौता गोल गुरप्रीत ने दूसरे ही मिनट में कर दिया था। इसके बाद अर्जेंटीना की कप्तान मारिया नोएल बारिओनुएवो ने दूसरे और तीसरे क्वार्टर में गोल कर भारतीय टीम पर लीड ली और इसे आखिर तक बनाए रखा।
हालांकि, भारत की मेडल की उम्मीद अभी टूटी नहीं है। ब्रॉन्ज के लिए टीम ब्रिटेन से मुकाबला करेगी। यह मैच 6 अगस्त को खेला जाएगा।
मैच के गोल
दूसरा मिनट: भारत की गुरजीत
18वां मिनट: अर्जेंटीना की बारिओनुएवो
36वां मिनट: अर्जेंटीना की बारिओनुएवो
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत में भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने बहुत बड़ा रोल प्ले किया था। उन्होंने मैच में नौ बार तयशुदा दिख रहा गोल नहीं होने नहीं दिया। अर्जेंटीना की टीम काउंटर अटैक और दोनों फ्लैंक से हमला करने में माहिर है और उसने ऐसा दिखाया भी। अर्जेंटीना को 6 पेनल्टी कॉर्नर मिले, इसमें से उसने 2 को गोल में कन्वर्ट किया। सविता ये अटैक नहीं रोक पाईं। भारत को पेनल्टी कॉर्नर के 4 मौके मिले और उसने एक को ही गोल में बदला।
अभी भी इतिहास रचने का मौका
भारतीय टीम तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में आई थी। अब उसका मुकाबला ब्रॉन्ज के लिए ब्रिटेन से होना है। अगर टीम ये मुकाबला जीतती है तो 41 साल में पुरुष और महिला मिलाकर भारत का हॉकी में पहला मेडल होगा। भारत ने आखिरी मेडल 1980 में पुरुष हॉकी इवेंट में गोल्ड के रूप में हासिल किया था।
इस ओलिंपिक में पूल स्टेज का प्रदर्शन देखें तो भारत और अर्जेंटीना लगभग बराबरी पर थे। भारत ने 7 तो अर्जेंटीना ने 8 गोल किए थे, लेकिन कम गोल खाने के मामले में अर्जेंटीना की टीम बेहतर रही है। पूल मैचों में भारत ने 14 और अर्जेंटीना ने 8 गोल खाए थे। हालांकि, अपने-अपने क्वार्टर फाइनल में दोनों टीमें क्लीन शीट रखने में सफल हुई थीं।