वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उभरते सितारे फंड का उद्घाटन आज लखनऊ में किया। उन्होंने कहा कि 2020 के बजट में इसका ऐलान किया गया था। लेकिन, कोरोना की वजह से इस महत्वाकांक्षी योजना को लॉन्च करने में देरी हुई।
वित्त मंत्री ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एमएसएमई हैं और यहां ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि उभरते सितारे जैसे निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रमों की सफलता के लिए ऐसी योजनाएं जरूरी माहौल बनाती हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक्जिम बैंक और SIDBI को हर जिले में उभरते सितारे की पहचान करनी चाहिए। सीतारमण ने कहा कि इसके साथ ही दोनों को उनके लिए जिलों के छोटे-छोटे व्यापारिक संस्थानों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले दो साल में एमएसएमई की सहायता के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा बदली गई है। कोशिश की गई है कि एमएसएमई को कारोबार चलाने के लिए फंड मिलता रहे। उन्होंने कहा कि इनके अलावा इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से MSME के लिए जमीनी हालत बेहतर बनाने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई की मदद के लिए फैक्टरिंग बिल लाया गया है। इसके जरिए देशभर में 9,000 एनबीएफसी को फैक्टरिंग का अधिकार दिया गया है। फैक्टरिंग सुविधा में एमसएसई को उनके बिल पर तुरंत पैसा मिलता है। उसमें एमसएसई वर्किंग कैपिटल निकालने के लिए सेल वाले बिल थोड़े डिस्काउंट पर फैक्टरिंग करने वालों को देते हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में कारोबार करने में आसानी के लिए सरकार कई उपाय करती आ रही है। इसके तहत एमएसएमई के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। उनको अब अपने बही खातों को ऑडिट नहीं कराना होगा। उनका काम सेल्फ सर्टिफिकेशन से चल जाएगा।
इस मौके पर ऐसी कई कंपनियों और स्टार्टअप के संस्थापकों ने अपने विचार रखे जिनको उभरते सितारे कार्यक्रम के तहत चुना गया है। ये कंपनियां ड्रोन टेक्नोलॉजी, वेस्ट क्रिएशन, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर से ताल्लुक रखती हैं। उभरते सितारे फंड देश के क्षमतावान छोटे उद्यमों को विदेशी बाजार में जगह बनाने में मदद के लिए एक्जिम बैंक और सिडबी ने बनाया है।
इस प्रोग्राम का मकसद निर्यात कर रही या ऐसा करने में सक्षम छोटी और मझोली कंपनियों की ग्रोथ में आ रही दिक्कतों की पहचान करना और उन्हें दूर करने के उपाय करना है। यह फंड 10 साल का है और इसमें सिडबी और एक्जिम बैंक, दोनों एंकर इनवेस्टरों ने 40-40 करोड़ रुपए लगाए हैं। इसके लिए एक्जिम बैंक और सिडबी की देश के बहुत बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से बातचीत चल रही है।