ईमेट ने सामान्य से 60% कम बारिश का अनुमान जारी किया

ईमेट ने सामान्य से 60% कम बारिश का अनुमान जारी किया

मौसम का अनुमान लगाने वाली प्राइवेट कंपनी स्काईमेट ने कहा है कि इस साल बारिश का आंकड़ा सामान्य से 60% कम रहेगा। स्काईमेट ने इससे पहले, 13 अप्रैल 2021 को मानसून का पूर्वानुमान जारी किया था। उस समय देश में सामान्य बारिश होने की बात कही गई थी, लेकिन अपडेटेड अनुमान के मुताबिक अब इस साल बारिश के सामान्य से 60% कम रहने की संभावना है।

मानसून के भौगोलिक असर की बात करें, तो गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, केरल और पूर्वोत्तर भारत में आगे भी बारिश कम रहने के आसार हैं। गुजरात और पश्चिमी राजस्थान में सूखे की आशंका बनी हुई है। हालांकि, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का आंकड़ा सामान्य या उससे ज्यादा रहा है। इस हिसाब से देश के केंद्रीय हिस्सों में फसलों के कमजोर रहने की आशंका भी बनी हुई है।

स्काईमेट ने जून के लिए 106% और जुलाई के लिए 97% बारिश का पूर्वानुमान लगाया था। इसके मुकाबले जून और जुलाई में LPA की 110% और 93% बारिश हुई। अभी के हालात के मद्देनजर स्काईमेट ने मानसून के पूर्वानुमान में बदलाव कर इसे LPA का 94% कर दिया है। मंथली बेसिस पर अब मानसून का पूर्वानुमान इस तरह है:

  • अगस्त में LPA (258.2 MM) के मुकाबले 80% बारिश हो सकती है। इस महीने 80% संभावना कम बारिश की है, जबकि 20% संभावना सामान्य बारिश की है।
  • सितंबर में LPA (170.2 MM) के मुकाबले 100% बारिश हो सकती है। इस महीने 60% संभावना सामान्य बारिश की है, 20% संभावना सामान्य से ज्यादा बारिश की है और 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की है।

इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत समय पर हुई थी। तकनीकी तौर पर लंबे समय में बारिश का औसत यानी LPA के 110% पर जून के आखिर में अच्छी बारिश देखने को मिली। वहीं, जुलाई महीने में 11 जुलाई तक बारिश कमजोर रही। इसीलिए जुलाई में LPA 93% रहा यानी सामान्य से कम बारिश हुई।

मानसून में पहला ब्रेक जुलाई में दिखा और अगस्त के पहले पखवाड़े के दौरान भी दक्षिण-पश्चिम मानसून में दूसरा ‘ब्रेक मानसून’ फेज आया। कमजोर मानसून के कारण पूरे भारत में सीजनल बारिश की कमी अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक 9% पर आ गई। सामान्य से कम मानसून की सामान्य से नीचे की स्थिति में अब तक सुधार नहीं हुआ है।

स्काईमेट के MD जतिन सिंह के अनुसार, ‘मानसून के कमजोर होने की वजह हिंद महासागर में IOD के लंबे 5 फेज और जुलाई-अगस्त में इसमें बदलाव न होना हो सकती है। पश्चिमी हिंद महासागर की सतह का तापमान पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में कम और ज्यादा होता रहता है। इसे हिंद महासागर द्विध्रुव, यानी Indian Ocean Dipole (IOD) कहते हैं। हालांकि, सितंबर में IOD बनने के बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं।

स्काईमेट मौसम का पूर्वानुमान लगाने और कृषि रिस्क सॉल्यूशन देने वाली भारत की एकमात्र निजी कंपनी है। इसकी शुरुआत 2003 में हुई थी। स्काईमेट खुद का न्यूमेरिक वेदर प्रिडिक्शन मॉडल रन करती है। बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों, कई मीडिया समूहों, किसानों से जुड़ी सर्विस, कीटनाशक और फर्टिलाइजर बनाने वालों और लॉजिस्टिक्स ऑपरेटरों को यह कंपनी मौसम का पूर्वानुमान उपलब्ध कराती है। स्काईमेट रिमोट सेंसिंग और UAV का संचालन भी करती है।

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