पंजशीर में आम नागरिकों का खून बहा रहा तालिबान

पंजशीर में आम नागरिकों का खून बहा रहा तालिबान

अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान की रेजिस्टेंस फोर्स से जंग चल रही है। हालांकि, तालिबान दावा कर चुका है कि उसने पंजशीर जीत लिया है। दूसरी तरफ रेजिस्टेंस फोर्स का कहना है कि 60% से ज्यादा पंजशीर अब भी उसके पास है। इस बीच BBC की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजशीर में तालिबान अब आम नागरिकों का खून बहा रहा है और अब तक 20 लोगों की हत्या कर चुका है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने जिन 20 लोगों को निशाना बनाया उनमें एक दुकानदार भी शामिल था। स्थानीय लोगों का कहना है कि तालिबानियों के आने बाद भी वह शख्स भागा नहीं, उसने कहा था कि वह एक गरीब दुकानदार है और जंग से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसे तालिबान ने रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाकों को सिम बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और फिर हत्या कर शव उसके घर में डाल दिया। लोगों का ये भी कहना है कि शव पर चोटों के निशान थे।

दो दिन पहले भी पंजशीर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें तालिबानी एक युवक को उसके घर से निकालकर सड़क पर गोलियों से भूनते नजर आ रहे हैं। अफगानिस्तान के एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक तालिबान ने कहा था कि वह युवक पंजशीर के नॉर्दर्न अलायंस की सेना में शामिल था। हालांकि, मृतक का दूसरा साथी तालिबानियों को उसका ID कार्ड दिखाता रह गया, लेकिन वे नहीं माने और उसकी जान ले ली।

तालिबान चाहे लाख दावे करे कि वह बदल गया है, लेकिन हकीकत ये है कि वह आज भी वैसा ही क्रूर और महिलाओं के खिलाफ दरिंदगी दिखाने वाला है जैसा 20 साल पहले था। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से आए दिन इसके सबूत सामने आ रहे हैं। राजधानी काबुल में एक महिला को घेरकर पीट रहे तालिबानियों की एक और तस्वीर सामने आई है। ये महिला काबुल में हो रहे प्रदर्शन में शामिल थी। इसी दौरान तालिबानियों ने इसे घेर लिया और लाठी-कोड़े बरसाने लगे।

तालिबानी सरकार के ऐलान से पहले ही अफगानी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन तालिबान उन्हें बंदूक के दम पर दबाने में लगा है। तालिबानी सरकार में किसी महिला को शामिल करना तो दूर, उन पर नई-नई पाबंंदियां लगाई जा रही हैं। इससे महिलाओं की नाराजगी बढ़ रही है, लेकिन तालिबान कभी फायरिंग कर तो कभी कोड़े बरसाकर उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि पिछले दिनों ये फरमान भी जारी कर दिया गया कि विरोध-प्रदर्शन से पहले इजाजत लेनी होगी और ये तक बताना होगा कि नारे कौन से लगाए जाएंगे।

ब्लिंकन ने ये भी कहा कि तालिबान से पाकिस्तान के कई हित जुड़े हैं, इनमें से कुछ अमेरिका के खिलाफ हैं। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान में भारत के दखल से पाकिस्तान की नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई कुछ हद तक कम हुई है। ब्लिंकन ने कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के साथ गहरे ताल्लुक हैं। हक्कानी नेटवर्क अमेरिकी सैनिकों की मौत और अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे जैसी कई घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।

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