कश्मीर में दहशत की वापसी:घाटी छोड़कर करीब 50 परिवार जम्मू पहुंचे

कश्मीर में दहशत की वापसी:घाटी छोड़कर करीब 50 परिवार जम्मू पहुंचे

कश्मीर में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर लोगों में खौफ का माहौल है। इसी डर के चलते इस केंद्र शासित प्रदेश से अल्पसंख्यक और कश्मीरी पंडित जम्मू शिफ्ट होने लगे हैं। कई लोगों ने सरकार की मनाही के बाद ऑफिस जाना भी बंद कर दिया है। इधर राज्य सरकार भी लोगों से अपील कर रही है कि वो अपना घर न छोड़ें, हालात जल्द सुधार लिए जाएंगे।

पिछले हफ्ते घाटी में आतंकियों ने 20 से ज्यादा अल्पसंख्यक परिवार के लोगों की हत्या कर दी है। कुछ दिन पहले आतंकियों ने एक स्कूल पर हमला कर एक कश्मीरी पंडित टीचर और सिख महिला प्रिंसिपल की हत्या कर दी थी। इसके बाद यहां रह रहे अल्पसंख्यक कश्मीर छोड़ने को मजबूर हैं।

एक कश्मीरी पंडित ने नाम न बताने की शर्त पर कहा- करीब 40 से 50 परिवार सोमवार को जम्मू आए हैं। इनमें कई सरकारी कर्मचारी भी हैं। जम्मू पहुंचे एक व्यक्ति ने कहा- मैं एक दशक से अधिक समय से सरकारी शिविर में रह रहा हूं। मुझे 2003 और 2016 के दौरान कभी इतना डर नहीं लगा। लेकिन आज सभी लोगों में खौफ है।प्रशासन और पुलिस की सख्ती के बाद भी आतंकी कश्मीर में लगातार घुसपैठ कर रहे हैं। इसके चलते श्रीनगर और उसके आस-पास के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही कई स्थानों पर चेक पॉइंट बनाकर चेकिंग भी की जा रही है। इधर कुलगांव, बारामुला, अनंतनाग समेत कई इलाकों में सुरक्षा बल के जवान छापामार कार्रवाई कर आतंकियों के नापाक मंसूबे को नाकाम करने में लगे हैं।

स्थानीय राजनीतिक दलों ने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदाय से कश्मीर न छोड़ने की अपील की है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को एक पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अब्दुल्ला ने कहा- हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे और आतंकवादियों को उनके बुरे मंसूबों में सफल नहीं होने देंगे। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने भी एक पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।

वहीं गुपकार अलायंस के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी ने जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि ये सब केंद्र सरकार की विफलता का परिणाम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *