निर्यात के मोर्चे पर अच्छी खबर:400 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है एक्सपोर्ट

निर्यात के मोर्चे पर अच्छी खबर:400 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है एक्सपोर्ट

अगले साल मार्च में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में कुल निर्यात 400 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में एक्सपोर्ट 197.89 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। पिछले साल इसी दौरान 125.62 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। इस हिसाब से इस दौरान निर्यात 57.53% उछला है।लेकिन, इस छमाही के आंकड़े हालात की पूरी तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं। अप्रैल से सितंबर के दौरान ग्लोबल मार्केट में ऑयल, केमिकल, मेटल, प्लास्टिक और कॉटन सहित कमोडिटी के दाम ऊंचे रहे हैं। इस दौरान निर्यात की मात्रा में जितना उछाल आया है, कीमत में उस हिसाब से बढ़ोतरी नहीं हुई है।

अप्रैल से अगस्त के बीच फलों और सब्जियों का निर्यात मात्रा के आधार पर 17.4% ज्यादा रही लेकिन उसकी कीमत में सिर्फ 3.8% की बढ़ोतरी हुई। जहां तक वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट की बात है तो उनके निर्यात में इस दौरान 15-35% का उछाल आया।निर्यातकों के मुताबिक कारपेट और हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में सालाना आधार पर सिर्फ 5% की बढ़ोतरी हुई। इसकी वजह नकदी कमी, उत्पादन लागत में बढ़ोतरी रही, जिसके चलते उनके प्रॉफिट मार्जिन में खासी गिरावट आई।जानकारों का कहना है कि बिजली की दिक्कत और कोयले के आयात में बढ़ोतरी से कमोडिटी के दाम और बढ़ सकते हैं। ऐसा होने पर निर्यात में गिरावट आ सकती है। मई से अब तक कंटेनर के दाम और समुद्र के रास्ते ढुलाई की लागत में 20-30% का इजाफा हुआ है।

पिछले महीने यानी सितंबर में सामान का निर्यात सालाना आधार पर 22.63% बढ़कर 33.79 अरब डॉलर हो गया। लेकिन परेशानी वाली बात यह रही कि इस दौरान व्यापार घाटा 22.59 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इससे पहले अक्टूबर 2012 में व्यापार घाटा 20.20 अरब डॉलर रहा था।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने सामान का आयात 56.39 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल के सितंबर के मुकाबले 84.77 फीसदी ज्यादा है। जहां तक व्यापार घाटे की बात है, तो पिछले साल के इसी महीने यह 2.96 अरब डॉलर था।

जहां तक क्रूड ऑयल की बात है तो इसका आयात सितंबर 2020 में 5.83 अरब डॉलर की तुलना में सितंबर 2021 में बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया। अप्रैल से सितंबर 2021 के बीच 72.99 अरब डॉलर क्रूड ऑयल का इंपोर्ट हुआ जो पिछले साल 32.01 अरब डॉलर था।पिछले महीने जिन सामान के निर्यात में उछाल आया उनमें कॉफी, काजू, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट, हैंडीक्राफ्ट, इंजीनियरिंग प्रॉडक्ट, केमिकल, मैनमेड फाइबर/ कपड़े, जेम्स एंड ज्वैलरी, प्लास्टिक और सी प्रॉडक्ट शामिल थे।

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