केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल से टैक्स घटाने के बाद राज्यों से वैट में कटौती करने की अपील की थी, ताकि पेट्रोल-डीजल के दाम कुछ और नीचे आ सकें। केंद्र की अपील के बाद जहां भाजपा शासित राज्यों ने वैट में कटौती का ऐलान कर दिया, तो वहीं राजस्थान समेत कांग्रेस सरकार वाले कई राज्यों ने वैट घटाने से इनकार कर दिया। इसको लेकर भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला है।
गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने से पहले ही राज्य का वैट घट चुका है। केंद्र सरकार और ज्यादा एक्साइज ड्यूटी घटाएगी, तो राज्यों का वैट भी अपने आप घट जाएगा। गहलोत ने भाजपा के उस आरोप पर जवाब नहीं दिया, जिसमें कहा गया था कि राजस्थान में पेट्रोलियम पर सबसे ज्यादा वैट की वसूली हो रही है।
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम न करने पर भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने टैक्स नहीं घटाने को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। भाटिया ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में CM योगी आदित्यनाथ ने पेट्रोल-डीजल पर 12 रुपए तक की कटौती की है। यह कटौती केंद्र की कटौती से अलग है।’
भाटिया ने कहा, उत्तर प्रदेश की तरह गुजरात और असम ने भी 7 रुपए तक कीमतें घटाई हैं। अब पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली और राजस्थान में लोग जानना चाहते हैं कि वहां की राज्य सरकारों ने इस तरह के कदम क्यों नहीं उठाए।’सरकारी तेल कंपनियों ने जानकारी दी है कि शुक्रवार शाम तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कोई बदलाव नहीं किया था। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, अंडमान-निकोबार और झारखंड शामिल हैं। वहीं, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान ने भी शुक्रवार शाम तक वैट में कोई कटौती नहीं की थी। हालांकि, शुक्रवार रात में ओडिशा ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में 3 रुपये प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा कर दी।दिवाली से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती की। केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल में 10 रुपये प्रति लीटर की कमी का ऐलान किया। इसके बाद राज्यों से भी वैट घटाने की अपील की, ताकि पेट्रोल-डीजल के दाम और नीचे आ सकें। केंद्र की अपील के बाद भाजपा शासन वाले राज्यों ने वैट में कमी करने का ऐलान किया था।