कश्मीर में खौफ का ‘सिंकहोल’:अनंतनाग में 500 मीटर दूरी में गायब हुई पहाड़ी नदी

कश्मीर में खौफ का ‘सिंकहोल’:अनंतनाग में 500 मीटर दूरी में गायब हुई पहाड़ी नदी

जम्मू-कश्मीर में ट्राउट मछलियों के लिए मशहूर ब्रेंगी नाला अचानक बने एक सिंकहोल (जमीन धंसने से बनने वाला गहरा कुआं) के कारण 500 मीटर तक सूख गया है। साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले की पहाड़ी नदी में हुई इस घटना के चलते हजारों ट्राउट मछलियों की मौत हो गई है।

स्थानीय लोगों में जमीन धंसने के कारण खौफ का माहौल बन गया है। साइंटिस्ट्स सिंकहोल के बनने का कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उससे होने वाले किसी नुकसान को रोका जा सके।

अनंतनाग जिले के वांडेवलगाम एरिय में ब्रेंगी नाला के अंदर सिंकहोल बनने की घटना पिछले सप्ताह हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिंकहोल बनते ही नाले का सारा पानी तेजी से उसमें समाने लगा, जिससे यह छोटी पहाड़ी नदी 500 मीटर से ज्यादा लंबे एरिया में पूरी तरह सूख गई है।

सिंकहोल की गहराई 200 मीटर से ज्यादा आंकी गई है। स्थानीय लोगों ने इस घटना के चलते ब्रेंगी नाला में मिलने वाली मछलियों के पूरी तरह खत्म होने का डर जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल सिंकहोल के आसपास के एरिया में इसके कारण किसी भी तरह का नुकसान रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है।

ब्रेंगी नाला ट्राउट मछलियों के लिए बेहद मशहूर है और इसमें लाखों की संख्या में ये मछलियां पाई जाती हैं। ट्राउट कोल्ड वाटर फिश है, जो केवल 0 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले बहते हुए ताजे मीठे पानी वाली नदी में ही पाई जाती है। ब्रेंगी नाला में ट्राउट मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है। इस मछली को बेहद प्रोटीन वाली और इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है।

इसी कारण नदी के सूखने वाले इलाके में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को ट्राउट मछलियां उठाते हुए देखा जा रहा है। नदी के सूखे एरिया में इस बड़ी मछली के सीड्स अभी भी जिंदा हैं, लेकिन पानी नहीं मिलने पर इनके खत्म होने का खतरा बन गया है।

स्थानीय गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रफीक अहमद सिंकहोल बनने को नेचुरल मान रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में रफीक ने कहा, चट्टानों में कई प्रकार के मैटीरियल होते हैं। लगता है कि जमीन के अंदर चट्टानों का लोअर पोर्शन पानी के कारण घुल गया है या टूट गया है। इसी कारण सिंकहोल बना है। लाइमस्टोन स्ट्रक्चर (चूना पत्थर वाली चट्टानें) पानी के कारण घुल गई हैं और सिंकहोल बन गया है। रफीक ने लोगों को नाले के करीब नहीं जाने की सलाह दी है। उनका मानना है कि जमीन में अभी और भी सिंकहोल बन सकते हैं।स्थानीय लोगों में सिंकहोल बनने के बाद से ही बड़े संकट का डर फैल गया है। लोगों का मानना है कि सिंकहोल बनने से जमीन के अंदर बड़े पैमाने पर जा रहा पानी अन्य जगह पर जमीन धंसने का कारण बन सकता है। एक स्थानीय नागरिक जाविद अहमद ने कहा कि सिंकहोल ने लोगों के लिए बहुत सारी परेशानी खड़ी कर दी हैं। मछलियों पर संकट है। सिंचाई भी इससे प्रभावित होने की संभावना है। हम प्रशासन से नाले की रिपेयरिंग के लिए तत्काल कुछ कदम उठाने की अपील कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *