अगस्त महीने के किसी भी दिन में 24 घंटे के भीतर हुई बारिश का नया रिकाॅर्ड बना है। अभी तक वर्ष 2016 में 5 अगस्त को सबसे अधिक 111 मिमी पानी गिरा था, जो पिछले 10 साल में सबसे अधिक था। वहीं 9-10 अगस्त की दरम्यानी रात में 127.8 मिमी बारिश हुई है। पिछले साल पूरे अगस्त महीने में 125.4 मिमी पानी गिरा था। इस बार मात्र दस दिन में ही 376 मिमी बारिश हो चुकी है।
लगातार हुई बारिश की वजह से शिवनाथ नदी में पानी 12 फीट ऊपर चल रहा है। चारों एनीकट में पानी खतरे के निशान से ऊपर है। पुराने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। इसे देखते हुए नदी के आसपास रहने वालों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इधर मंगल व बुधवार की दरमियानी रात हुई बारिश की वजह से बुधवार शाम तक प्रियदर्शिनी परिसर, चंद्रा-मौर्या, पावर हाउस, सिरसा गेट व उरला अंडरब्रिज में पानी भरा रहा।मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे में दुर्ग विकासखंड में 127.8, पाटन में 77.2 और धमधा में 68.6 मिमी बारिश हुई। पानी की जोरदार बौछार की वजह से तीनों विकासखंड स्थित खेतों में घुटनों तक पानी भर गया। इसकी वजह से धान की बोवाई प्रभावित हुई। खेतों में पानी भरे रहने की वजह से रोपाई भी करने में दिक्कतें हुईं। सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है।
बीती रात सेकंड शिफ्ट में रेल मिल के क्रेन नंबर 7 में पानी गिरने की वजह से स्पार्किंग होने लगा। देखते ही देखते आग लग गई। सप्लाई लाइन बंद करने के बाद स्थिति नियंत्रण पाया गया। ऑक्सीजन प्लांट -2 के मुख्यद्वार के पास 6 फीट तक पानी भरा रहा। इसके कारण कर्मचारियों को आने-जाने में दिक्कतें हुईं। कमोबेश यही स्थिति एसएमएस के 2 आरएच-1 और कोक ओवन एरिया का भी रहा।लगातार 24 घंटे हुई बारिश की वजह से बांधों में भी जल स्तर बढ़ गया है। इसे देखते हुए बुधवार को मोंगरा बैराज से 32 हजार क्यूसेक, सूखा नाला से 12,500 क्यूसेक और घूमरिया जलाशय से 8500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस तरह कुल 53 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शिवनाथ का जलस्तर बढ़ गया है।