छत्तीसगढ़ के ओबीसी और सामान्य वर्ग के आरक्षण को लेकर अहम फैसला, अब राशन कार्ड से डेटा जुटाएगी सरकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रविवार को रायपुर में अहम बैठक हुई। केबिनेट की बैठक में राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में लंबित है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में वर्तमान में प्रचलित राशनकार्ड के डेटाबेस को आधार मानते हुए पटेल कमीशन के मार्गदर्शन में नया डेटा तैयार किया जाएगा। इससे मिलने वाली जानकारी को ओबीसी और सामान्य वर्ग की आबादी से जोड़कर देखा जाएगा।

राशन कार्ड में जातियों की मौजूदा स्थिति
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि राज्य में वर्तमान में 66 लाख 73 हजार 133 राशनकार्ड एक्टिव हैं। करीब 2 करोड़ 47 लाख 70 हजार 566 की आबादी इससे जुड़ी है। राज्य में वर्तमान समय में 31 लाख 52 हजार 325 राशनकार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों के हैं, जिनकी सदस्य संख्या एक करोड़ 18 लाख 26 हजार 787 है, जो कि लाभान्वित संख्या का 47.75 प्रतिशत है। सामान्य वर्ग के प्रचलित राशनकार्ड की संख्या 5 लाख 89 हजार एवं सदस्य संख्या 20 लाख 25 हजार 42 है, जो राशनकार्ड के माध्यम से राज्य में लाभान्वित सदस्य संख्या का 8.18 प्रतिशत है।

और इस वजह से मिल सकेगा सामान्य वर्ग को आरक्षण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है। इस वक्त सामान्य वर्ग को जारी राशनकार्ड की सदस्य संख्या, राज्य में लाभान्वित लोगों की संख्या का मात्र 8.18 प्रतिशत है। नए सिरे से छूटे हुए परिवारों का आवेदन लेने से इसमें वृद्धि होने की संभावना है। सामान्य वर्ग का प्रतिशत 8.18 से बढ़कर 11-12 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इस आधार पर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिए जाने का आधार मजबूत होगा।

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