छत्तीसगढ़ में राजनीतिक बयानबाजी अदालतों की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा, डॉक्टर रमन सिंह ने उन्हें सोनिया गांधी का एटीएम कहा है। कोयले पर प्रति टन 25 रुपए लेने का आरोप लगाया है। वे इसे प्रमाणित करें नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
रायपुर के पुलिस लाइन हेलीपैड पर प्रेस से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, डॉ. रमन सिंह गलत और आपत्तिजनक बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने सोनिया गांधी का एटीएम कहा है और कोयले में प्रति टन 25 रुपए लेने का आरोप लगाया है। वे अब इसे प्रमाणित करें नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। कुछ भी अनाप-शनाप आरोप लगा देंगे क्या। ऐसा नहीं किया तो मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। उनके खिलाफ मानहानि का दावा ठोकूंगा।मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह अधिकारियों को डरा रहे हैं, इसका मतलब है कि वे खुद डरे हुए हैं। उनको जमीनी हकीकत पता है। वे फेयर तरीके से चुनाव लड़ेंगे तो उनकी हालत जितनी थी उतनी भी नहीं रहने वाली है। इस कारण से वे अपनी खीझ अधिकारियों पर उतार रहे हैं। 15 साल तक वही अधिकारी अच्छे थे। अब सरकार में नहीं हैं तो वही अधिकारी खराब हो गए। अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। उनको जो जिम्मेदारी दी गई है, उसपर कार्रवाई कर रहे हैं। इसलिए उनको धमकाना चमकाना बंद करें।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमारी सरकार ने कोलवाशरी के खिलाफ कार्रवाई की। सभी जगह छापा डाले। रमन सिंह बताएं कि 15 साल के शासनकाल में ऐसी कोई कार्रवाई की हो तो। वैसे भी कोयला तो सेंट्रल गवर्नमेंट का है। राज्य सरकार की इसमें क्या भूमिका है। खदान केंद्र आवंटित करती है। यहां 58 खदानों में से 52 तो एसईसीएल यानी भारत सरकार का है। प्राइवेट प्लेयर तो बंद ही हो गये थे अब तो दो-चार शुरू हुए हैं। कोयला ट्रांसपोर्ट के चक्कर में महीनों से पैसेंजर ट्रेन बंद करके रखे हैं। उद्योगों को कोयला नहीं मिल रहा है। इसके बारे में रमन सिंह क्यों नहीं पूछते। आखिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।