समलैंगिक संबंधों को भारत में कानूनी मान्यता मिल चुकी है। पर समलैंगिक विवाह की बात की जाए, तो अभी भी देश में इसे कानूनी मान्यता नहीं मिली है। समलैंगिक विवाह के विषय पर अगर गौर किया जाए, तो देश में इस बारे में एक जैसी राज्य नहीं है। देश में कई लोग समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के खिलाफ हैं। इनमें केंद्र सरकार भी शामिल है। वहीं देश में समलैंगिक जोड़ों समेत कई ऐसे लोग भी हैं जो समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलने के समर्थन में हैं। पिछले कुछ समय से यह मामला देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। इसके बावजूद केंद्र सरकार का इस मामले पर कड़ा रवैया बरकरार है। पर इस मामले में केंद्र सरकार ही नहीं, कई और नए और पुराने सरकारी ऑफिसर्स भी सख्ती पर हैं। हाल ही में इसी विषय पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक पत्र लिखा गया है।
