अयोध्या में बन रहे श्रीराम प्रभु के मंदिर की तैयारियों जोरों शोरों से चल रही है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर में साधु संतों से लेकर नेताओं और कई वीवीआईपी लोगों को आमंत्रण भेजा गया है। वहीं कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। इस पार्टी एक बार फिर राम मंदिर पर सवाल उठाए है। कांग्रेस का कहना है कि जब मंदिर का काम अधूरा पड़ा है तो इसमें प्राण प्रतिष्ठापन नहीं किया जा सकता।कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक बार फिर राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर सवाल उठाए है। पवन खेड़ा ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधा विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है।कांग्रेस नेता कहा कि अगर यह कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं बल्कि कार्यक्रम राजनीतिक है।
