पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आईएलएंडएफएस के मामले में उसके एनसीडी को क्रेडिट रेटिंग जारी करते हुए लापरवाही बरतते समय इक्रा और केयर पर एक-एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। पिछले साल दिसंबर में इसी मामले में यह जुर्माना 25-25 लाख रुपए था। दोनों रेटिंग एजेंसियों पर इस जुर्माना को मंगलवार को बढ़ा दिया गया है।
सेबी ने ऑर्डर में दी जानकारी
सेबी ने इस मामले में ऑर्डर जारी किया। ऑर्डर में सेबी ने कहा कि जांच में यह पता चला है कि रेटिंग एजेंसियों ने स्वतंत्र रूप से पेशेवर असेसमेंट करने में विफल रही हैं। सेबी के बोर्ड ने पिछले साल की पेनाल्टी को कम माना और नया कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 28 जनवरी को जारी नोटिस में सेबी ने इन सभी को रिकॉर्ड सबमिट करने का आदेश दिया था।
फिर से की गई समीक्षा
सेबी ने कहा कि उसने इस मामले में फिर से समीक्षा की। इसके बाद सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने मंगलवार को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि जिन निवेशकों ने एएए की रेटिंग देखकर आईएलएंडएफएस में निवेश किया था, उन्हें रेटिंग एजेंसियों की लापरवाही से घाटा हुआ। कंपनी के डिफॉल्ट होने से यह स्थिति आई। बता दें कि रेटिंग एजेंसियों ने आईएलएंडएफएस को सबसे टॉप की रेटिंग एएए दी थी। यह एनसीडी सितंबर 2018 में इस रेटिंग के बावजूद डिफॉल्ट हो गई।