सरकार पहले की तारीख से टैक्स (Retrospective Tax) लगाने का कानून खत्म करने जा रही है। उसने गुरुवार को टैक्सेशन लॉज (अमेंडमेंट) बिल, 2021 पेश किया। इस बिल के पारित होने के बाद पूर्व तारीख से टैक्स लगाने वाला विवादित कानून खत्म हो जाएगा। इसका सीधा असर ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) और वोडाफोन (Vodafone) से जुड़े भारत सरकार के टैक्स मामलों पर पड़ेगा।
पहले की तारीख से टैक्स लगाने का प्रावधान यूपीए सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2012 (Finance Act 2012) में पेश किया था। इसका मकसद ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी और वोडाफोन को हुए कैपिटल गेंस (Capital Gains) पर पहले की तारीख से टैक्स लगाना था। पूर्व तारीख से टैक्स लगाने के इस कानून के प्रावधान को लेकर विवाद पैदा हुआ था। दोनों कंपनियों ने इस कानून को अदालत में चुनौती दी थी।
सरकार ने गुरुवार को कानून में संशोधन का जो प्रस्ताव पेश किया है, उसके मुताबिक मई 2012 से पहले भारतीय संपत्ति के इनडायरेक्ट ट्रांसफर पर लगाया गया टैक्स कुछ शर्तें पूरी करने पर रद्द हो जाएगा। इनमें लंबित कानूनी मामले वापस लेने और नुकसान का दावा नहीं करने के वादे जैसी शर्तें शामिल हैं। संशोधित कानून में ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया से जुड़ी कंपनियों द्वारा चुकाई गई रकम को भी वापस करने का प्रस्ताव है। यह रकम ब्याज के बगैर लौटाई जाएगी।
प्रस्तावित बिल में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन की बात कही गई है ताकि भविष्य में रेट्रोस्पेक्टिव अमेंडमेंट के आधार पर 28 मई, 2012 से पहले हुए किसी भारतीय संपत्ति के ट्रांसफर पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाएगा। 28 मई, 2012 को ही फाइनेंस बिल, 2012 को संसद की मंजूरी मिली थी। इसके बाद सरकार ने दोनों कंपनियों को टैक्स डिमांड भेज दी थी।
सरकार के इस कदम से केयर्न एनर्जी और वोडाफोन को फायदा होने की उम्मीद है। विवादित टैक्स कानून की वजह से दोनों कंपनियों के साथ भारत सरकार की कानूनी लड़ाई चल रही है। दोनों ही कंपनियां उन पर पहले की तारीख से लगाए गए टैक्स मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जीत हासिल कर चुकी हैं।