तीन दिवसीय 21वाँ आयुर्वेद पर्व एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

तीन दिवसीय 21वाँ आयुर्वेद पर्व एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

आयुर्वेद, भारत की अपनी प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। हमें अपनी चिकित्सा पद्धति (पैथी) पर विश्वास का भाव जागृत करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद, भारतीय ज्ञान परम्परा का ही अंग है। आयुर्वेद के प्रति स्वत्व के भाव की जागृति आवश्यक है। प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति ‘आयुर्वेद’ को विश्वमंच पर सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आयुर्वेद सतत् सुदृढ़ हो रहा है, इसकी उत्तरोत्तर बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता एवं विश्वसनीयता इस बात का प्रमाण है। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय एवं संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय “आयुर्वेद पर्व एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी” के समापन अवसर पर कही। मंत्री श्री परमार ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी से आयुर्वेद को नई दिशा देने के लिए आयोजकों एवं सहभागियों को शुभकामनाएं एवं बधाई दीं। श्री परमार ने कहा कि हमारी सभ्यता की मान्यता है कि ज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन वैश्विक परिधियों में ज्ञान का दस्तावेजीकरण कर एकाधिकार स्थापित करने का प्रयास किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आने के बाद से हम आयुर्वेद शोध एवं अनुसंधान के दस्तावेजीकरण की ओर आगे बढ़ रहे हैं। मंत्री श्री परमार ने कहा कि जनमानस को ईश्वर के बाद चिकित्सक पर ही विश्वास होता है, इस विश्वनीयता को बनाए रखने के लिए चिकित्सकों में यह संवेदना व्यावहारिक रूप से परिलक्षित भी होनी चाहिए।

आयुष मंत्री श्री परमार ने कहा कि पारम्परिक वैद्यों के परम्परागत ज्ञान को सहेजने के लिए, शोध के आधार पर युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में दस्तावेजीकरण करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों सहित समस्त क्षेत्रों में पीढ़ी दर पीढ़ी परम्परागत रूप से कार्य कर रहे पारम्परिक वैद्यों का, प्रदेशव्यापी पंजीयन करने एवं उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए व्यापक कार्य योजना बना रहे हैं। मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रदेश में 11 नवीन आयुर्वेद महाविद्यालय शुरू किए जाएंगे, इनमें से 5 आयुर्वेद महाविद्यालय आने वाले सत्र से ही शुरू हो जाएंगे। विभागीय अधिकारियों के उच्च पद प्रभार प्रक्रिया, उनके अद्यतन समयमान एवं वेतनमान की प्रक्रिया को समयावधि पर पूरा किया जा रहा है। मंत्री श्री परमार ने कहा कि शीघ्र ही नव-चयनित प्रशिक्षु 533 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।

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