सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सर्वोत्तम आचरण जिला सहकारी बैंक की पहचान बने। उसके अच्छे कार्यों की मार्केटिंग की जाये। हर बैंक के कर्मचारियों की आचरण और व्यवहार की ऑनलाइन ट्रेनिंग करवाई जाये। उन्होंने कहा कि नवाचार और अच्छा काम करने के लिये बैंक के हर स्तर पर प्रतिस्पर्धा हो तथा साल के अंत में उत्कृष्ट कर्मी को सम्मानित भी किया जाये। मंत्री श्री सारंग शनिवार को समन्वय भवन में जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।सहकारी बैंक के सुदृढ़ीकरण पर दें ध्यान
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सहकारी बैंकों को अपनी साख के लिये काम करना होगा। उसमें पारदर्शिता लानी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि बैंक में डिपॉजिट पूरी तरह से सुरक्षित है। बैंक को वसूली आदि नियमित कार्य के साथ सुदृढ़ीकरण पर ध्यान देना होगा। डिपॉजिट, टर्म लोन, सेफ लोन देने के मामलों काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बैंक के कर्मचारियों का कार्य-व्यवहार, संवाद और बैंक का माहौल सकारात्मक हो। काम को चैलेन्ज के रूप में लें। कमजोर बैंकों को अच्छे पर लाने और अच्छे को कमजोर न होने की दिशा में काम कर आगे बढ़ना होगा।सहकारी बैंक प्रोफेशनल एप्रोच के साथ करें काम
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि डिफाल्ट किसानों के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाये ताकि वे लोन चुकाने के लिये उन्हें मोटिवेट कर सकें। कलेक्टर के साथ राजस्व अमले से भी संवाद स्थापित करे, जिससे कोआर्डिनेशन और कोआपरेशन के जरिए सहकारी बैंक से सरकारी अमला भी जुड़ सकें। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि बैंक प्रोफेशनल एप्रोच के साथ काम करे। हरेक पेक्स 2-3 कर्मियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग करवाई जाये। उन्होंने कहा कि 2-3 माह में वसूली के प्रकरणों का निराकरण करे। इसके लिये लम्बी प्रक्रिया न हो, काम को स्पीड-अप करें। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि कमजोर पेक्स के उन्नयन एवं उत्थान के लिये काम किया जाये। वर्गीकरण कर उसे मजबूत बनाया जाये। प्रत्येक पंचायत में पेक्स हो, नई पेक्स को बहुउद्देशीय बनाया जाये। सहकारिता से जुड़े विभागों का सहयोग लिया जाये। उन्होंने कहा कि नई सोसायटी के लिये फेडरेशन भी बनाया जा रहा है।
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सहकार सभा के माध्यम से कॉलेजों में सहकारिता को लेकर ओरिएंटेशन प्रोग्राम हो। बैंकों में 100 प्रतिशत ऑडिट हो, एक भी बैकलॉक नहीं रहे। हरेक बैंक के नवाचार एवं अच्छे कामों का प्रचार-प्रसार हो, इसके लिये वाहटसेप ग्रुप के माध्यम से सफलता की कहानी मुख्यालय पर प्रेषित की जाये, ताकि सोशल मीडिया जैसे माध्यम से लोग अवगत हो।