संसद में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस 600 पन्नों की रिपोर्ट को सबसे पहले राज्यसभा में पेश किया गया, जहां इसके तुरंत बाद हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी की, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई। इस रिपोर्ट को भाजपा सांसद संजय जायसवाल और संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के द्वारा किया गया।समिति की रिपोर्ट पहले ही 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जा चुकी थी और आज इसे लोकसभा में भी प्रस्तुत किया जाना था। लेकिन, जैसे ही रिपोर्ट पेश की गई, विपक्षी सांसदों ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए विरोध जताना शुरू कर दिया। इसके परिणामस्वरूप लोकसभा की कार्यवाही को भी दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।विपक्षी दलों ने वक्फ विधेयक की विभिन्न धाराओं पर आपत्ति जताई है, खासकर उन प्रावधानों पर जो मुस्लिम धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप की संभावना बढ़ाते हैं। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही के नाम पर धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को सीमित कर सकता है।
