सरकार ने 2025 का नया आयकर विधेयक पास कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना है। इससे विभिन्न कर-संबंधी मामलों पर अधिक स्पष्टता मिलेगी। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किया गया यह नया विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को बदलने और ऐसे बदलाव लाने का प्रयास करता है जो व्यक्तियों, व्यवसायों और गैर-लाभकारी संगठनों सहित करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों को प्रभावित करते हैं। आयकर विधेयक पेश करने के बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष से नए पेश किए गए आयकर विधेयक की समीक्षा के लिए एक स्थायी समिति के लिए सदस्यों को नामित करने का अनुरोध किया।इसमें सरलीकृत भाषा और आधुनिक शब्दावली की शुरूआत है। यह पुराने शब्दों को बदल देता है और आज की अर्थव्यवस्था के साथ संरेखित करने के लिए नए शब्द लाता है। उदाहरण के लिए, यह वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष प्रणालियों जैसे मौजूदा शब्दों के बजाय “कर वर्ष” शब्द पेश करता है। यह “वर्चुअल डिजिटल एसेट” और “इलेक्ट्रॉनिक मोड” को भी परिभाषित करता है, जो आज के वित्तीय परिदृश्य में डिजिटल लेनदेन और क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
