मुख्यमंत्री ने सागर में 50 करोड़ की लागत से बन रहे इस्कॉन मंदिर की वर्चुअली रखी आधारशिला

मुख्यमंत्री ने सागर में 50 करोड़ की लागत से बन रहे इस्कॉन मंदिर की वर्चुअली रखी आधारशिला

भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के संदेश और भारतीय संस्कृति को इस्कॉन संस्था ने विश्वभर में फैलाया है। भारतीय संस्कृति के प्रसार में इस्कॉन की भूमिका वैश्विक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कलेक्ट्रेट, उज्जैन के एनआईसी कक्ष से सागर जिले के ग्राम मेनपानी में इस्कॉन मंदिर के भूमि-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड अंचल गोपाल कृष्ण के आदर्शों को मानने वाली भूमि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लगभग 50 करोड़ रूपये की लागत से सागर जिले के मेनपानी की पहाड़ियों में बनने वाले भव्य इस्कॉन मंदिर की वर्चुअली आधारशिला रखी। उज्जैन एनआईसी कक्ष में विधायक श्री अनिल जैन कालुहेड़ा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस्कॉन इंटरनेशनल ने भगवान श्रीकृष्ण के विचारों एवं आदर्शों को देश में और विदेशों में जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविन्द से निकले प्रत्येक वचन को 18 अध्याय में संकलित किया गया है, जिसे हम “भगवत गीता” कहते है। इन्हें जनमानस तक पहुंचाने में इस्कॉन इंटरनेशनल की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सागर जिले में अक्षय तृतीया पर सनातन संस्कृति के सूर्य का उदय हो रहा है। बुंदेलखंड महावीरों की धरती है। ऐसे में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के जीवन के प्रसंग का अदभुत समन्वय बनेगा।

मंदिर के लिए भूमि देने वाले परिवार की सराहना

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर निर्माण के लिए भूमि प्रदान करने वाले श्री विवेक यादव एवं उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी क्षेत्रों में विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के साथ जब समाज सहयोगी बनता है तो असंभव माने जाने वाले कार्य भी संभव हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रकल्प से जुड़े सभी सहयोगियों और क्षेत्रीय सांसद, मंत्रीगण, विधायकगण सहित उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को भी इस्कॉन मंदिन के भूमि-पूजन कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

संस्कारों से हमें प्राप्त होती है सुख-शांति

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आज के दौर में संस्कारों की आवश्यकता है। संस्कारों से हमें सुख-शांति प्राप्त होती है और अपना जीवन भी सुखपूर्वक व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के बाहर एवं भारत के अंदर इस्कॉन मंदिर की अनुयायी रहते हैं। अब सागरवासियों के साथ संपूर्ण बुंदेलखंड के लिए इस्कॉन मंदिर के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम धर्म को बढ़ावा देने के लिए इस्कॉन मंदिर परिवार का अभिनंदन करते हैं।

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