गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण का अनुमोदन

गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण का अनुमोदन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अंतर्गत सांख्यिकी संबंधी आंकड़ों का समयावधि में संकलन (डाटा कलेक्शन) एवं विश्लेषण कर विभागों, आमजन एवं योजनाविदों के उपयोग के लिए आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में ”डाटा सुदृढ़ीकरण योजना” की स्वीकृति प्रदान की गयी। राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से “सांख्यिकी से समृद्धि” की दिशा में एक नई पहल कर रही है।

योजना से सरकार को डाटा के आधार पर बेहतर और सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। साथ ही डाटा और उसका विश्लेषण समय पर मिलने से सरकार बेहतर नीति बना सकेगी। समस्त विभाग बिना किसी रुकावट के डाटा साझा कर सकेंगे, जिससे काम में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। स्वतंत्र शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को भी डाटा उपलब्ध होगा, जिससे नई योजनाओं का निर्माण आसान होगा। नागरिकों को भी डाटा की जानकारी मिल सकेगी, जिससे शासन अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा। डाटा की उपलब्धता से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के नवीनीकरण का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालित (5×23) मेगावाट गांधीसागर एवं (4×43 मेगावाट) राणाप्रताप सागर जल विद्युत गृह के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए मध्यप्रदेश ‌द्वारा देय राशि का अनुमोदन प्रदान किया गया। निर्णय अनुसार गांधीसागर जल विद्‌युत गृह की पांचों इकाइयों (5×23 मेगावाट) के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण की पुनरीक्षित अनुमानित लागत 464 करोड़ 55 लाख रुपये का अनुमोदन प्रदान किया गया।

राणा प्रताप सागर जल विद्युत गृह की चारों इकाइयों (4×43 मेगावाट) के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण की डी.पी.आर. में वर्णित अनुमानित लागत 573 करोड़ 76 लाख रूपये का अनुमोदन प्रदान किया गया।

दोनो परियोजनाओं की स्वीकृति परियोजना राशि पर निर्धारित अंशपूँजी को मध्यप्रदेश एवं राजस्थान राज्य द्वारा 50:50 अनुपात पर वित्त विभाग के परामर्श अनुसार मध्यप्रदेश की हिस्से की राशि 127 करोड़ 6 लाख रुपये को वर्षवार प्रदान किये जाने का अनुमोदन किया गया। मशीनरी बदलने के लिए राशि का व्यय होगा। परियोजना अगले 40 साल के लिए उपयोगी है

दोनों प्रदेश कि विद्युत् उत्पादन कंपनियां अपने-अपने राज्य में स्थित परियोजना का क्रियान्वयन करेगी एवं कार्यों की लागत का लेखा-जोखा पारदर्शी रूप से संधारित कर एक दूसरे से साझा करेंगी तथा मौजूदा प्रथा के अनुसार वितीय खातों का तिमाही/वार्षिक मिलान कर समायोजित करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *