मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महर्षि सांदीपनि आश्रम वह पवित्र स्थल है जहां मनुष्य रूपी श्रीकृष्ण की भगवान श्रीकृष्ण बनने की यात्रा प्रारंभ होती है। भगवान श्रीकृष्ण यहां विद्या अध्ययन के लिए आए और यहां से योगेश्वर श्रीकृष्ण बनकर निकले। श्रीकृष्ण के जगतगुरु बनने का स्थान यही है। द्वारका,वृंदावन और गोकुल का जो महत्व है वही महत्व उज्जैन का है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में बहुत सारे संदेश दिए जिसमें सबसे महत्वपूर्ण गौमाता की पूजा की और प्रकृति का संरक्षण है |
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की प्रदेश में संस्कृति विभाग द्वारा जन्माष्टमी के पर्व पर प्रदेश में 3 हजार मंदिरों में साज सज्जा करवाकर प्रतियोगिता का आयोजन किया है। अच्छी सजावट करने वाले मन्दिर को प्रथम पुरूस्कार में 1.5 लाख रुपये की राशि, द्वितीय पुरूस्कार प्राप्त करने वाले मंदिर को एक लाख की राशि दी जाएगी |
शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली श्री सांदीपनि आश्रम पहुंचकर सपत्नीक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना और अभिषेक किया और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आयोजित आरती में भी शामिल हुए। विधिवत पूजा अर्चना आश्रम के पुजारी द्वारा कराया गया।
आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ऐसे डूबे की “श्री कृष्णगोविंद हरे मुरारी” भजन गाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सांदीपनि आश्रम में स्थित भगवान शिव और बैकुंठ धाम मंदिर में भी दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा,नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें।