चुनाव आयोग ने ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर सख्त रुख अपनाया है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि आरोप लगाने वाले या तो 7 दिन में हलफनामा दें या देश से माफी मांगें। उन्होंने चेतावनी दी कि सबूत न देने पर आरोपों को झूठा माना जाएगा।
- डेटा पर सवाल: सीईसी ने कहा कि पीपीटी प्रेजेंटेशन में दिखाया गया डेटा चुनाव आयोग का नहीं है।
- साठगांठ का खंडन: ज्ञानेश कुमार ने किसी भी राजनीतिक दल से साठगांठ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आयोग सभी पार्टियों के लिए समान है।
- मतदाताओं को गुमराह करने पर आपत्ति: उन्होंने कहा कि वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह करना लोकतंत्र का अपमान है।
- आयोग का स्टैंड: सीईसी ने साफ किया कि चुनाव आयोग किसी से नहीं डरता और हमेशा सभी नागरिकों के साथ निष्पक्षता से खड़ा रहेगा।
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गांधी द्वारा 7 अगस्त को लगाए गए आरोपों के जवाब में थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘वोट चोरी हो रहे हैं’ और चुनाव आयोग ‘चोरी में शामिल है।’