विद्रोहियों ने ईरान सीमा से लगे जरांज पर कब्जा किया, यह अफगानिस्तान की पहली प्रांतीय राजधानी जो लड़ाकों ने कब्जाई

विद्रोहियों ने ईरान सीमा से लगे जरांज पर कब्जा किया, यह अफगानिस्तान की पहली प्रांतीय राजधानी जो लड़ाकों ने कब्जाई

अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ मजबूत होती जा रही है। विद्रोहियों ने जुम्मे के दिन दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया। तालिबान लड़ाकों ने पहले काबुल में अफगानिस्तान सरकार के मीडिया सूचना केंद्र के डायरेक्टर की हत्या कर दी। ठीक इसके बाद ही अफगान-ईरान सीमा पर स्थित जरांज पर कब्जा कर लिया।

जरांज अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांतों में से एक निम्रूज की राजधानी है। अफगान अधिकारियों ने इस बात की खुद पुष्टि की है। अफगान नेशनल आर्मी की 215वीं कोर पड़ोसी हेलमंद प्रांत की राजधानी जरांज और लश्कर गाह दोनों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। सेना ने अपना ध्यान लश्कर गाह की सुरक्षा पर केंद्रित कर दिया था, जिसके बाद जरांज पर तालिबान लड़ाकों ने आसानी से कब्जा कर लिया।

निम्रूज के डिप्टी गवर्नर रोहगुल खैरजाद और प्रांतीय परिषद के प्रमुख हाजी बाज मोहम्मद नासर के अनुसार, अफगानिस्तान-ईरान सीमा पर निम्रूज की प्रांतीय राजधानी जरंज खंडहर में तब्दील हो गई है और अब विद्रोहियों के कब्जे में है।

अफगान अधिकारियों ने बताया कि यह विद्रोही समूह द्वारा कब्जा की जाने वाली पहली प्रांतीय राजधानी है। तालिबान ने ऐसे कई शहरों को हफ्तों से घेर रखा है। 1 लाख 60 हजार की आबादी वाले जरांज शहर के गिरने की संभावना तालिबान की पहली बड़ी सफलता है।

जान बचाकर शहर छोड़ भागे सरकारी अधिकारी
प्रांतीय परिषद के सदस्य खैर-उल-निसा गामी ने कहा, तालिबान के डर से लोग अपने घरों में छिपे हैं। स्थिति बहुत चिंताजनक है। तालिबान ने बिना किसी लड़ाई के शहर पर कब्जा कर लिया। अफगान अधिकारियों ने कहा कि तालिबान लड़ाकों को जरांज को लेने में बहुत कम विरोध का सामना करना पड़ा। गामी ने बताया कि तालिबान के साथ एक समझौते पर बातचीत हुई है जिससे शहर में अधिकारियों को भागने की अनुमति मिल गई है।

तालिबान समर्थकों ने सरकारी कार्यालय और व्यवसायियों को लूटा
अधिकारियों के अनुसार, प्रांतीय अधिकारियों की भागने की कहानी गुरुवार रात उस समय शुरू हुई जब पड़ोसी जिला कांग पर विद्रोहियों ने अपना कब्जा जमा लिया। उन्होंने कहा कि लोगों ने दोपहर करीब दो बजे तक शहर में स्थानीय सरकारी कार्यालयों और व्यवसायों को लूटना शुरू कर दिया था। शुक्रवार को तालिबानी विद्रोही भी इन इलाकों में पहुंचे।

वायुसेना के विमानों ने शहर के ऊपर चक्कर लगाए, लेकिन हमले नहीं किए
अधिकारियों ने कहा कि केवल राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय, अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी के स्थानीय कार्यालय ने लड़ाई लड़ी, लेकिन बाद में आत्मसमर्पण कर दिया। दिन में अफगान वायु सेना के विमान ने शहर के ऊपर चक्कर लगाया, लेकिन हमला नहीं किया।

उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश करने के बाद तालिबान ने उन जेलों पर धावा बोला जहां उनके समर्थक कैद थे। कुछ ही देर में ये लड़ाके सड़कों पर हथियार लिए घूमने लगे।

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