पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन के गौरवशाली पक्षों को आगे लाना जरूरी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘अभ्युदय’ का अर्थ मात्र आरंभ नहीं, बल्कि निरंतर जागरूकता, सत्य की खोज और समाज को नई दिशा देने वाले उत्तरदायित्व की यात्रा है। नारद जी को पत्रकारिता का आद्य प्रवर्तक माना जाता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की पूरे देश में विशिष्ट पहचान है। यह गौरव का विषय है कि दादा माखनलाल का जन्म मध्यप्रदेश के बबाई नगर में हुआ और उन्होंने खंडवा को अपनी कर्मभूमि बनाया। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से समाज को अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ एकजुट करने के साथ सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ने हिंदी भाषा को पुनर्प्रतिष्ठित करने का महत्वपूर्ण अभियान चलाया। उन्होंने गौमाता और गौशाला के संरक्षण के लिए सागर में ब्रिटिश हुकूमत के सामने आंदोलन कर मोर्चा खोल दिया था। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी और श्रद्धेय माधवराव सप्रे ने अपने पत्रकारीय कार्यों से हिंदी भाषा को समृद्ध भी किया। विश्वविद्यालय के माध्यम से पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन के विविध गौरवशाली पक्षों को आगे लाने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी।