छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना का संकट दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अभी तक जिले में 1हजार 795 लोगों की मौत हो चुकी है और 96 हजार 674 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वर्तमान में 46 एक्टिव मरीज जिले में मौजूद हैं। अगर पिछले 24 घंटों की बात करें तो 10 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से एक ही परिवार के 5 लोग शामिल हैं। लंबे समय बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। एक दिन में पांच गुना मरीज बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला अलर्ट हो गया है। इधर, एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अगस्त-सितंबर में संक्रमण बढ़ने की आशंका है। जिसमें अगस्त का महीना ज्यादा खतरनाक है।
इस बीच गुरुवार को जिले में 2226 लोगों ने कोरोना की जांच करवाई गई थी। जिसमें 10 मरीज मिले और एक मरीज की मौत हो गई। कोरोना से रिकवरी की दर शून्य रही। जिले में पहले औसतन 2 मरीज पिछले कुछ दिनों से मिल रहे थे। पर अब एक साथ 10 मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है।
जानकार सिविल सर्जन डॉ.बाल किशोर बताते हैं कि सामान्य सर्दी खांसी को हल्के में नहीं लेना है। अगर किसी तरह के कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो बिना देर करें जांच करवा लेनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर घर के अन्य लोग भी चपेट में आ सकते हैं। उसमें अगर किसी सदस्य की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो उसको ज्यादा खतरा हो सकता है। यहां तक की उसकी जान भी जा सकती है। अभी के हालात में कोरोना का वायरस वातावरण में फैल चुका है और इसके प्रभाव को कम करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकरण करवाना पड़ेगा। साथ ही यह भी बताया कि अगस्त-सितंबर में संक्रमण बढ़ने की उम्मीद है। जिसमें अगस्त का महीना ज्यादा खतरनाक है। अगर इस महीने में संक्रमण नहीं बढ़ता है तो यह मान लेना चाहिए कि कोरोना वायरस का संक्रमण कमजोर हो रहा है।
डॉ.बाल किशोर ने आगे बताया कि अभी फिलहाल संभलकर रहने की जरुरत है। मास्क व घर में बाहर से आने के बाद हाथों को धोना बेहद की जरुरी है। साथ ही साथ अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के विए खान-पान का विशेष ध्यान रखना है। कोरोना नियंत्रण के लिए देश के अन्य राज्यों से आवागमन करने वालों की सघन जांच होनी चाहिए। जिन राज्यों में ज्यादा कोरोना का संक्रमण है, वहां के लोगों को ट्रेस करने के बाद ही आने की अनुमति देनी चाहिए।
CMHO गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में तीसरी लहर की फिलहाल कोई संभावना तो नहीं दिख रही है। कोरोना संक्रमित मरीज रोजाना 2, 5 और 10 ही मिल रहे हैं। गुरुवार को 10 मरीज आए थे उसमें से 5 लोग एक ही परिवार से पॉजिटिव आए हैं। जिसमें एक गंभीर है, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जिन मरीजों की मौत हो रही है, वो पहले से ही हॉस्पिटल में भर्ती थे।
कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों लोग जाने से बचें। शादी समारोह व किसी अन्य आयोजनों में जरुरी होने पर ही जाएं। मास्क का निरंतर उपयोग होना चाहिए। अगर किसी प्रकार से कोरोना के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत ही जांच करवा लेनी चाहिए। अभी तो मौसम की वजह से सामान्य तौर पर भी लोगों को सर्दी खांसी हो जा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा दुर्ग जिला प्रभावित हुआ था। जिसकी बड़ी वजह नागपुर (महाराष्ट्र) गेट वे बना था। दरअसल यहां से जिले के लोगों की व्यापारिक व पारिवारिक गतिविधियां ज्यादा होती है। जिससे लोग आना जाना करते हैं। वहीं जिले में कोरोना का संक्रमण घट-बढ़ रहा है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है और एक बार फिर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। वहीं CMHO डॉ.गंभीर सिंह ठाकुर बता रहे हैं कि महाराष्ट्र व अन्य सीमावर्ती राज्यों से आने-जाने वाली बसों के यात्रियों की जांच की जा रही है।
हाई प्रोफाइल जिला होने के बावजूद यहां पर आए दिन वैक्सीन की कमी बनी रहती है। एक दिन से लेकर 5 दिनों तक कभी कभार वैक्सीनेशन उपलब्ध ही नहीं होता है। अभी के हालातों को देखा जाए तो हेल्थ वर्कर को पहला डोज 20 हजार 367 और दूसरा डोज 15 हजार 581 लोगों को लगा है। फ्रंट लाइन वर्कर को पहला डोज 26 हजार 33 और दूसरा डोज 16 हजार 546 लोगों को लगा। 45 से 59 साल वालों को पहला डोज 2 लाख 26 हजार 494 और दूसरा डोज 1 लाख 30 हजार 682 लोगों को लगा। 60 साल से ज्यादा वाले 1 लाख 28 हजार 251 व दूसरा डोज 62 हजार 568 लोगों को लगा है। वहीं 18 से 44 साल वालों को पहला डोज 3 लाख 11 हजार 660 और दूसरा डोज 54 हजार 341 लोगों को वैक्सीन लगी है।