छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में चल रहे ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर एक और बैठक के बाद फिर अल्प विराम लग गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ तीन घंटे तक राहुल गांधी के साथ बैठक की। इसके बाद पुनिया ने कहा कि प्रदेश में CM बदले जाने पर कोई बात नहीं हुई। आने वाले चुनाव में सभी संभाग की राजनीतिक स्थिति क्या रहेगी इस पर चर्चा हुई।
पूरे प्रदेश की नजरें दिल्ली की जिस मीटिंग पर लगी हुई थी वह 2 बजे खत्म हुई। मीटिंग में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से पहले अलग-अलग और बाद में एक साथ बिठाकर लंबी चर्चा की। इस दौरान एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया भी मौजूद रहे। कहा तो यह जा रहा था कि इस बैठक में प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर जो ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला दिया गया था, उस पर कोई निर्णायक बात होगी। सभी को बैठक खत्म होने का इंतजार था, लेकिन जब तीनों नेताओं ने मीडिया से बात की तो उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा ही नहीं होना कह दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास पर बात हुई। पीएल पुनिया बोले नेतृत्व परिवर्तन पर कोई बात नहीं हुई और टीएस ने कहा कृषि की स्थिति और प्रदेश में अकाल की जो आशंका है उस पर चर्चा हुई। कुलमिलाकर यदि मीटिंग में ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर कुछ बात हुई भी तो बाहर जाहिर नहीं हुई।
इस फार्मूले के साथ-साथ प्रदेश में बघेल-टीएस के बीच सामंजस्य बनाए रखने की बात भी राहुल के सामने होनी थी। पिछले दिनों सरगुजा के ही CM समर्थक एक विधायक बृहस्पत सिंह ने टीएस पर यह आरोप लगा दिया था, कि वे उन्हें जान से मरवाना चाहते हैं। इसके बाद टीएस विधानसभा छोड़कर चले गए थे और सरकार से उनकी तकरार बढ़ गई थी। ऐसा समझा जा रहा है कि इस पर भी राहुल ने बैठक में कुछ कहा होगा, लेकिन नेताओं ने इस पर भी फिलहाल कुछ कहने से इनकार कर दिया।
छत्तीसगढ़ में इस मीटिंग को लेकर जो उत्सुकता थी वह अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। राहुल गांधी भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव से लंबी चली बैठक के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने चले गए थे। उन्होंने शाम 5 बजे मीडिया से बात की। लेकिन इस बातचीत में छत्तीसगढ़ कांग्रेस में विवाद संबंधी किसी विषय पर चर्चा नहीं हुई।