पैरालिंपिक में मनीष और सिंहराज ने जीता मेडल

पैरालिंपिक में मनीष और सिंहराज ने जीता मेडल

टोक्यो पैरालिंपिक में शनिवार की सुबह भारतीय पैराशूटर्स ने कमाल कर दिया। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मनीष नरवाल ने गोल्ड और सिंहराज अधाना ने सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। दोनों ने P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएस-1 फाइनल में मेडल जीते। मनीष नरवाल ने 218.2 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया। सिंहराज 216.7 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर रहे। क्वॉलिफिकेशन राउंड में 536 अंकों के साथ सिंहराज चौथे नंबर पर, जबकि मनीष नरवाल 533 अंकों के साथ 7वें स्थान पर रहे।

मनीष नरवाल फुटबॉलर बनना चाहते थे। दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने पिता के सहयोग से शूटर बनने का अपना सपना पूरा किया और शूटिंग में ही करियर बनाया। फरीदाबाद में ही उन्होंने शूटिंग का अभ्यास शुरू कर दिया और फिर इस मुकाम पर पहुंचे। मनीष फरीदाबाद के अग्रवाल कॉलेज के बीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। उनकी इस उपलब्धि पर कॉलेज के छात्र और शिक्षक बहुत उत्साहित हैं। अब कॉलेज प्रबंधन ने फैसला लिया है कि मनीष की उपलब्धि से अन्य युवाओं और पैराएथलीटों को प्रेरित करेंगे।

पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल मूलरूप से सोनीपत के हैं पर कई साल से फरीदाबाद में रह रहे हैं और अब यहीं उनका स्थायी निवास है। मनीष ने 2016 में खेलों की ओर रुख किया। इससे पहले मनीष पैराएशियन गेम्स में गोल्ड जीत चुके हैं। नरवाल को 2020 में अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है। 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों में उन्होंने 10M और 50M इवेंट में GOLD और BRONZE मेडल जीता था। इवेंट से एक दिन पहले अग्रवाल कॉलेज के प्राचार्य कृष्णकांत गुप्ता ने मनीष को शुभकामनाएं दी थीं। प्राचार्य ने मनीष की उपलब्धि पर उत्साहित होते हुए कहा कि यह एक संस्थान या जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव और प्रतिष्ठा के पल हैं।

फरीदाबाद के बल्लभगढ़ क्षेत्र के तिगांव के सिंहराज अधाना ने टोक्यो पैरालिंपिक के 7वें दिन 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 के फाइनल में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल भी जीता था। अधाना 216.8 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। 237.9 अंकों के साथ चीन के यांग चाओ गोल्ड जीतने में सफल रहे, जबकि चीन के ही हौंग जिंग के खाते सिल्वर मेडल आया। जन्म से पोलियो ग्रस्त अधाना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुश्किलों को दरकिनार कर सफलता पाने के लिए बधाई दी। पैरालिंपिक से पहले प्रधानमंत्री ने टोक्यो जाने वाले 10 खिलाड़ियों से ऑनलाइन बात की थी। संवाद के दौरान सिंहराज से प्रधानमंत्री ने करीब 6 मिनट बात की थी। अधाना मूल रूप से तिगांव के हैं और मौजूदा समय में उनका परिवार बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव में रहता है।

एक साधारण किसान प्रेम सिंह के परिवार में जन्मे सिंहराज अधाना ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि यदि हौसला बुलंद हो तो शारीरिक सीमाएं बाधा नहीं बन सकतीं। परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सिंहराज को जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा। उनकी पत्नी ने पति के सपने पूरे करने के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे। सिंहराज ने विश्वकप में स्वर्ण पदक जीतकर ओलिंपिक कोटा हासिल किया था। परिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने के बावजूद कोरोना के बाद अनलॉक शुरू होते ही सिंहराज ने 10 मीटर व 50 मीटर एयर पिस्टल की रेंज तैयार कराई। इस शूटिंग रेंज के लिए सिंहराज को वर्ष 2018 में एशियन गेम्स में सफलता पर प्रदेश सरकार से मिली इनामी राशि काम में आई।

CM मनोहर लाल ने दी दोनों विजेताओं को बधाई

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों पदक विजेताओं को बधाई दी है। सीएम ने दोनों की तस्वीर ट्वीट कर कहा कि मनीष और सिंहराज ने हरियाणा और देश का नाम विश्व पटल पर चमकाया है, आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री ने खेल नीति के तहत मनीष के गोल्ड मेडल जीतने पर 6 करोड़ रुपये और सिंहराज को रजत जीतने पर 4 करोड़ रुपये की इनाम राशि के अलावा दोनों खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाएं देने की घोषणा की है।

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