कई साल से अमेरिकी नागरिकता देख रहे लोगों के लिए कुछ राहत भरी खबर है। अमेरिकी संसद एक ऐसे बिल पर विचार कर रही है कि जिसमें ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे लोगों को तय फीस और कुछ शर्तें पूरी करने के बाद नागरिकता मिल सकेगी। हालांकि, बिल अभी बिल्कुल शुरुआती दौर में है। इसकी प्रक्रिया में काफी वक्त लग सकता है। ग्रीन कार्ड का बैकलॉग बहुत लंबा होता है और लाखों लोग खासकर आईटी प्रोफेशनल्स इसका शिकार बनते हैं। उन्हें बार-बार अपना वर्क वीजा रिन्यू कराना होता है।
यह बिल उस रीकन्सीलिएशन पैकेज का हिस्सा है जो हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पेश किया गया है। ग्रीन कार्ड को परमानेंट रेसीडेंट कार्ड भी कहा जाता है। यह इमीग्रेंट्स यानी अप्रवासियों के लिए जारी किया जाता है।
बिल पर हाउस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की ज्यूडिशियरी कमेटी विचार कर रही है। इमीग्रेशन संबंधी मामलों पर फैसले यही कमेटी लेती है। कमेटी द्वारा जारी लिखित बयान के मुताबिक, ग्रीन कार्ड के लिए आवेदनकर्ता को 5 हजार डॉलर की सप्लीमेंटल फी यानी पूरक राशि देनी होगी। फोर्ब्स मैग्जीन ने इसकी जानकारी दी है। अगर कोई अमेरिकी नागरिक किसी इमीग्रेंट को स्पॉन्सर करता है तो इन हालात में फीस आधी यानी ढाई हजार डॉलर हो जाएगी। अगर एप्लीकेंट की प्रॉयोरिटी डेट दो साल से ज्यादा है तो यह फीस 1500 डॉलर होगी।
ग्रीन कार्ड को लेकर अमेरिकी सरकारों का रुख बदलता देखा गया है। डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में तो वर्क वीजा ही मुश्किल हो गए थे। ट्रम्प का कहना था कि कंपनियों की पहली प्राथमिकता अमेरिकी नागरिकों को नौकरी देना होना चाहिए। जो बाइडेन ने इसका विरोध किया था और सुधारों का वादा किया था। हालांकि, इस मसले पर उन्हें भी अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है।
अगर इस बिल की ही बात करें तो यह साफ है कि इसके पास होने में काफी वक्त लग सकता है। अभी तो ज्यूडिशियरी कमेटी ही इस पर विचार कर रही है। फिर इस पर दोनों सदनों में लंबी बहस चलेगी। कई प्रस्ताव आएंगे और फिर इन पर बहस होगी। अगर ये सब निपट जाता है तो फिर आखिरी फैसला राष्ट्रपति करेंगे। उनके दस्तखत के बाद ही बिल कानून बन पाएगा।