बुधवार को बंद हुए तीन IPO में सिगाची के इश्यू को 101 गुना रिस्पांस मिला है। जबकि पॉलिसी बाजार के इश्यू को 16.59 गुना और SJS इंटरप्राइजेज को 1.59 गुना रिस्पांस मिला है।पॉलीसीबाजार 5,710 करोड़ रुपए जुटाने के लिए बाजार में उतरी थी। क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB) के कोटा के तहत इसे 25 गुना रिस्पांस मिला जबकि रिटेल के हिस्से के तहत 3.31 गुना का रिस्पांस मिला। SJS इंटरप्राइजेज को रिटेल के हिस्से का 1.38 गुना और QIB के तहत 1.42 गुना का रिस्पांस मिला। यह कंपनी बाजार से 800 करोड़ रुपए जुटाने के लिए उतरी थी।इसी तरह केवल 125 करोड़ रुपए के लिए बाजार में उतरी सिगाची इंडस्ट्रीज के QIB हिस्से को 86 गुना जबकि नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (NII) के कोटे के तहत 172 गुना का रिस्पांस मिला। रिटेल ने इसमें 80 गुना ज्यादा आवेदन किया है। पॉलिसी बाजार को कुल 57.24 करोड़ बिड मिला जबकि उसने 3.45 करोड़ शेयर जारी किया था। इनसे 155 एंकर निवेशकों से 2,569 करोड़ रुपए इश्यू से एक दिन पहले जुटाया था।उधर देश का सबसे बड़ा इश्यू ला रही पेटीएम ने IPO से पहले एंकर निवेशकों से 8,235 करोड़ रुपए जुटा लिया है। कंपनी का इश्यू 8 नवंबर यानी सोमवार को खुलेगा और बुधवार को बंद होगा। एंकर निवेशकों में बिड़ला म्यूचुअल फंड, ब्लैकरॉक, GIC और अन्य ब्लूचिप फंड शामिल थे। कंपनी को एंकर निवेशकों से 10 गुना ज्यादा रिस्पांस मिला है।
ब्लैकरॉक ने 1,045 करोड़ रुपए निवेश किया है जबकि कनाडा पेंशन फंड ने 938 करोड़ और GIC ने 533 करोड़ रुपए का निवेश किया है। 18,300 करोड़ रुपए के इश्यू में से कंपनी को करीबन 45% की रकम पहले ही मिल गई है। कंपनी 2,080 से 2,150 रुपए के मूल्य पर इश्यू ला रही है। इसका वैल्यूएशन 1.48 लाख करोड़ रुपए का है।पेटीएम ने कहा है कि वह भविष्य में फायदा कमाएगी, इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकती है। वह लगातार घाटा देने वाली कंपनी है और आगे भी यह जारी रह सकता है। कंपनी एंकर निवेशकों ने 8,250 करोड रुपए जुटाएगी।
पेटीएम का IPO 8 नवंबर से खुलेगा। इसके पहले एंकर निवेशकों से 8,250 करोड़ रुपए कंपनी जुटाएगी। एंकर निवेशकों के लिए 3 नवंबर को यह इश्यू खुला रहेगा। भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा 18,300 करोड़ रुपए का IPO ला रही पेटीएम का IPO 10 नवंबर को बंद होगा।कंपनी ने सेबी के पास जमा अर्जी में कहा है कि वह लगातार तीन साल से घाटे में है। उसका घाटा वित्त वर्ष 2019 में 4,230 करोड़ रुपए था जो कि 2020 में 2,942 करोड़ रुपए और 2021 में 1,701 करोड़ रुपए रहा। जून 2021 तिमाही में उसका घाटा 381 करोड़ रुपए रहा। रेवेन्यू की बात करें तो 31 मार्च 2019 को 3,579 करोड़ रुपए था जो 2020 मार्च में 3,540 और 2021 में 3,186 करोड़ रुपए था।