विश्व आर्थिक मंच की 54वीं वार्षिक बैठक 15 से 19 जनवरी तक स्विटजरलैंड के दावोस में होने जा रही है। युद्ध और संकटों से बिखरती दुनिया को ध्यान में रखते हुए इस बैठक की थीम विश्वास का पुनर्निर्माण रखी गई है। इस वार्षिक बैठक में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों समेत 1000 फोरम पार्टनर्स, सिविल सोसाइटी, शिक्षाविदों और युवा प्रतिनिधि तथा सामाजिक उद्यमियों और प्रेस के सदस्य भाग लेंगे है। डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष बोर्ज ब्रेंडे ने कहा कि दावोस में होने वाली बैठक बेहद जटिल एवं चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक पृष्ठभूमि में हो रही है। ब्रेंडे ने भारत को आठ प्रतिशत से अधिक जीडीपी वृद्धि वाला प्रमुख देश बताते हुए कहा कि देश में चुनावी मौसम होने के बावजूद कई प्रमुख मंत्री इस बैठक में भाग लेंगे। बैठक में भारत के लगभग 100 राजनीतिक और व्यापारिक नेता भी शामिल होंगे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में तीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी के साथ तीन मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सिद्धारमैया भी शामिल होंगे। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा गौतम अडाणी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, सज्जन जिंदल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि और रिशद प्रेमजी जैसे कारोबारी दिग्गज भी शामिल होंगे।