मध्यप्रदेश का ओरछा, अब वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर ओरछा को प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार ने ओरछा में पर्यटन अधोसंरचनाओं और सुविधाओं के विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में 25 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृति की है। स्वीकृत राशि से ओरछा में टूरिस्ट एक्सपीरियंस सेंटर, हुनरशाला, एंट्री प्लाजा के साथ यात्रा पथ का विकास किया जाएगा। इसके पहले दिसंबर माह में विरासतों के संरक्षण और संग्रहालयों के विकास आदि के लिए 99.92 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2027-28 में ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए केंद्र सरकार ने यूनेस्को को सिफारिश की है। साथ ही ओरछा को यूनेस्को की एच.यू.एल. (हिस्टोरिकल अर्बन लैंडस्केप) पहल के तहत चुना गया है।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने “स्वदेश दर्शन 2.0” उप-योजना के तहत चैलेंज्ड बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में पर्यटन स्थलों का विकास करना है। इस योजना में, 50 स्थलों (प्रत्येक राज्य में अधिकतम 5) को विकास के लिए चुना जाना है। इसी के तहत ओरछा को आध्यात्मिक गंतव्य स्थल की श्रेणी में चुना गया है। ओरछा में पर्यटकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ शहर के सौंदर्यीकरण, ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण और स्थानीय कलाकारों और संस्कृति का संरक्षण किया जाएगा। इससे ओरछा में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय समुदाय को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट के संदर्भ में किए जाने वाले कार्य है।
टूरिज्म इंटरप्रिटेशन सेंटर
केन्द्र सरकार से मिली सहायता से ओरछा में तोपची की हवेली के पास पर्यटन अनुभव केंद्र का विकास किया जाएगा जिसमें ओरछा का 3-डी मॉडल, पैनल्स के माध्यम से ओरछा की ऐतिहासिक यात्रा का प्रदर्शन, बुकिंग कियोस्क, चिल्ड्रन प्ले एरिया और कैफे का निर्माण किया जाएगा।