सोमवार को विपक्ष के लगभग 300 सांसदों ने वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव में वोट चोरी के आरोपों को लेकर संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस दौरान, पुलिस ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया। इन सभी को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहाँ करीब 2 घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
हिरासत से रिहा होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई संविधान को बचाने और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की है, जिसके लिए एक साफ वोटर लिस्ट जरूरी है। प्रियंका गांधी ने सरकार पर “डरी हुई और कायर” होने का आरोप लगाया। मार्च के दौरान अखिलेश यादव ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की, जबकि अन्य सांसद “वोट चोर गद्दी छोड़” के नारे लगाते हुए सड़क पर बैठ गए। प्रदर्शन के बीच टीएमसी सांसद मिताली बाग और महुआ मोइत्रा की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने उनकी मदद की।
यह मार्च संसद के मकर द्वार से शुरू हुआ था, जिसमें सांसदों के हाथों में ‘वोट बचाओ’ के बैनर थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं मिलने की वजह से उन्हें परिवहन भवन के पास ही रोक दिया था।