भारत ने अपनी पहली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया है। यह परीक्षण बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित, अग्नि-5 भारत की सबसे लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है, जिसकी रेंज 5,000 किलोमीटर है। यह मिसाइल मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से लैस है, जिसका अर्थ है कि यह एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।
अग्नि-5 की मारक क्षमता ऐसी है कि यह पाकिस्तान, चीन और तुर्किये जैसे कई देशों तक पहुंच सकती है। यह 7,500 किलोग्राम तक का बंकर बस्टर वॉरहेड ले जा सकती है और जमीन में 100 मीटर की गहराई तक जाकर दुश्मन के परमाणु और रडार सिस्टम, कंट्रोल सेंटर और हथियार डिपो को नष्ट कर सकती है।
यह मिसाइल डेढ़ टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी गति मैक 24 है, जो ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है और देश में कहीं भी तैनात किया जा सकता है।