अफगान सीमा पर ताकत क्यों दिखा रहा रूस? ताजिकिस्तान-उज्बेकिस्तान के साथ किया युद्धाभ्यास

अफगान सीमा पर ताकत क्यों दिखा रहा रूस? ताजिकिस्तान-उज्बेकिस्तान के साथ किया युद्धाभ्यास

अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती हुकूमत के बीच रूस ने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ साझा युद्धाभ्यास कर अपनी ताकत दिखाई है। रूस को डर है कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात का फायदा उठाकर आतंकी समूह मध्य एशियाई देशों में शांति को भंग कर सकते हैं। कुछ दिनों पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थी कि तालिबान से डरकर अफगान सेना के लगभग एक हजार जवान दूसरे देशों में भाग गए थे।

ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान का रूस के साथ मजबूत सैन्य संबंध हैं। इन देशों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बहुत हद तक रूस पर ही निर्भर है। ऐसे में अफगानिस्तान से घुसपैठ को रोकने और सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए रूस इन दो देशों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। पिछले सप्ताह शुरू हुए इस अभ्यास में 2500 रूसी, ताजिक और उज़्बेक सैनिक शामिल हुए थे। इतना ही नहीं, तीनों देशों के लगभग 500 सैन्य वाहनों ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के साथ ताजिक सीमा से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में हार्ब-मैडन फायरिंग रेंज में आयोजित किए गए युद्धाभ्यास में सैनिकों ने हमलावर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का अभ्यास किया। अभ्यास के हिस्से के रूप में रूसी Su-25 लड़ाकू विमानों ने आतंकवादियों की गाड़ियों पर एयरस्ट्राइक करने का अभ्यास किया।

रूसी सेना ने बताया कि यह युद्धाभ्यास पड़ोसी अफगानिस्तान में अस्थिरता को देखते हुए संभावित खतरों को दूर करने, मध्य एशियाई में सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि तजाकिस्तान में रूसी सैनिकों ने अभ्यास के दौरान नए हथियारों का उपयोग करने का अभ्यास किया, जिसमें नई स्नाइपर राइफल और फ्लेम थ्रोअर शामिल हैं।

बताया गया है कि रूस ने अफगानिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ की स्थिति में अपने सहयोगी और अन्य पूर्व-सोवियत मध्य एशियाई देशों को सैन्य सहायता की पेशकश करने का वादा किया है। कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान समेत कई पूर्व सोवियत संघ से जुड़े देश रूस के नेतृत्व वाले कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन के सदस्य हैं।

ताजिकिस्तान में रूसी सेना का विदेशी जमीन पर सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार, रूस ने अपने सैन्य अड्डे को मजबूत करने के लिए 17 इन्फ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल को ताजिकिस्तान में तैनात किया है। बीएमपी -2 इन्फ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल की पहली बैच को कुछ दिनों पहले ही रूसी वायु सेना के ट्रांसपोर्ट विमान की मदद से दुशाम्बे पहुंचाया गया है। अफगान-ताजिक सीमा के पास रूसी टैंक पहले से ही तैनात हैं।

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