छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। लोन मर्राटू अभियान के जरिए नक्सलियों को बड़ी संख्या में सरेंडर कराया जा रहा है। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है। गांव में रहने पर उनकी जान को खतरा है। ऐसे में देश में पहली बार पूर्व नक्सलियों के लिए टाउनशिप बनाया जा रहा है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहेंगे। पूर्व नक्सलियों के लिए दंतेवाड़ा में बन रहे टाउनशिन में 108 वन रूम सेट फ्लैट होंगे।
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि यह देश में पहला ऐसा टाउनशिप है, जहां पूर्व नक्सली रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें 108 वन रूम सेट रहेंगे। इसमें 20 दुकानें बनाई जा रही हैं, जहां इन्हें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें अलग-अलग चीजों की दुकान खोली जाएंगी। यहां रहने वाले लोगों को अलग-अलग चीजों की ट्रेनिंग दी जाएगी। दंतेवाड़ा एसपी ने अभिषेक पल्लव ने कहा कि टाउनशिप के निवासियों को बिजली के काम, मरम्मत, वैज्ञानिक खेती और पशुपालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें अपने गांवों में रोजगार पैदा करने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के सरेंडर करने के एक साल बाद फीडबैक लिया, इसमें सरकार ने महसूस किया कि केवल 32 आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पास आधार कार्ड और बैंक अकाउंट है। कागजात नहीं होने की वजह से इन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि हमने फिर से लोन मर्राटू अभियान-2 शुरू किया है, जिसके तहत 250 नक्सलियों को आधार कार्ड जारी किया गया है। हमने उनके बैंक खाते खुलवाए हैं, वे अब 12 सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
वहीं, पूर्व नक्सली ने कहा कि पहले हम नक्सली कमांडर के इशारे पर काम करते थे। अब हम वापस लौट आए हैं, यहां हमें रोजगार मिलेगा। सरकार की तरफ से जीने के लिए हर सुविधा मिलेगा। पहले हमारी जिंदगी पहाड़ और जंगलों में कटती थी। दूसरे पूर्व नक्सली ने कहा कि यहां लौटने के बाद हमें बहुत अच्छा फील हो रहा है।
गौरतलब है कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को कई बार धमकी भी मिली है। इसलिए उनकी जान को खतरा भी है। टाउनशिप में उन्हें यह खौफ नहीं रहेगा। दंतेवाड़ा में अभी तक 381 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।