केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को लेकर हाइलेवल मीटिंग की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजौरी आतंकवादी हमले की जांच NIA को सौंपी गई है। NIA और जम्मू पुलिस दोनों मिलकर इस घटना की जांच करेगी। बीते डेढ़ साल में जितनी भी घटनाएं हुईं हैं उन्हें भी सामने रखते हुए जांच की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह चौकस है। तीन महीने में राज्य की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। अमित शाह ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भरोसा दिला सकता हूं कि आतंकवादियों की मंशा जो भी हो हमारी एजेंसियां जम्मू कश्मीर के लोगों की सुरक्षा करेंगी। सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं।
शाह ने राजौरी हमले के पीड़ितों से भी फोन पर बातचीत की। शाह ने कहा कि मैं उनसे मुलाकात के लिए वहां खुद जाने वाला था लेकिन आज मौसम के कारण हम वहां पहुंच नहीं पाए। उनकी बातों को सुना है और मैंने उपराज्यपाल मनोज जी से भी बात की है। जान गंवाने वालों का हौसला देश के लिए उदाहरण है। जम्मू में आतंकवादी हमलों के पीड़ितों से भी उन्होंने मुलाकात की। शाह ने बताया कि आतंकवादी ग्रुपों के सपोर्ट सिस्टम से लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। 360 डिग्री सुरक्षा चक्र बनाने पर चर्चा की गई। हमारी जितनी भी सूचना की एजेंसी हैं उनसे भी बात की गई है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और सभी खुफिया एजेंसियों के प्रमुख शामिल रहे।
पिछले तीन महीनों में शाह का जम्मू-कश्मीर का यह दूसरा दौरा है। पिछले साल अक्टूबर में गृह मंत्री ने राजौरी का दौरा किया था और एक जनसभा को संबोधित किया था।