केंद्र सरकार ने लंबे समय से प्रतीक्षित (Digital Personal Data Protection) बिल को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 7 अगस्त को लोकसभा द्वारा और 9 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया और उसी दिन ये पारित भी हो गया। दोनों सदनों से पारित होने के बाद 11 अगस्त को इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल गई। जिसके बाद यह बिल कानून बन गया। इस कानून का उद्देश्य भारतीय नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा करना है और व्यक्तियों के डिजिटल डाटा का दुरुपयोग करने या उसकी सुरक्षा करने में जो संस्थाएं/कंपनी असफल रहती है उनपर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
